रामविलास पासवान के निधन के बाद ‘सहानुभूति’ और ‘चुनौती’ के बीच हैं चिराग पासवान

ज्योतिकण (ब्यूरो)       राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) से अलग होकर बिहार विधानसभा चुनाव में पहले ही कई चुनौतियों का सामना कर रहे लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के प्रमुख चिराग पासवान  के सिर से पिताजी रामविलास पासवान   का साया छीन जाने से चुनौतियां और बढ़ गई हैं. 

हालांकि माना यह भी जा रहा है कि पार्टी को इस चुनाव में सहानुभूति वोट भी मिल सकता है, जिसे बटोरने में पार्टी कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी.

बिहार की राजनीति में पांच दशक तक अपना रूतबा कायम रखने वाले रामविलास ने पार्टी की जिम्मेदारी पुत्र चिराग के कंधों पर डाल दी थी. इसके बाद चिराग पासवान ने पार्टी का नेतृत्व किया लेकिन समय-समय पर दिग्गज रामविलास पासवान की सलाह भी उन्हें मिलती रही. रामविलास के संरक्षण में चिराग राजनीति का ककहारा सीख ही रहे थे कि रामविलास अनंत सफ र पर चले गए.

चिराग के नेतृत्व में पार्टी पहली बार चुनावी मैदान में है, ऐसे में रामविलास पासवान के नहीं रहने से चुनौतियां बढ़ी हैं. रामविलास के करीब सभी चुनावों की कवरेज करने वाले पत्रकार सुरेंद्र मानपुरी भी मीडिया के साथ बातचीत में कहते हैं कि रामविलास के नहीं रहने से चिराग की राजनीति में चुनौतियां तो बढ़ेगी ही.

उन्होंने कहा कि रामविलास की उपज छात्र आंदोलन, जेपी आंदोलन से हुई थी. उन्होंने राजनीति के शिखर पर पहुंचने के लिए संघर्ष किया था, जिससे वे राजनीति के मंझे हुए खिलाड़ी बन गए थे. उनका मार्गदर्शन ही नहीं मिलना चिराग को कम चुनौती खड़ा नहीं करेगा.

मानपुरी कहते हैं, “एलजेपी की अब तक पहचान रामविलास का चेहरा रहा था लेकिन अब चिराग को खुद यह साबित करना होगा. चिराग में लोगों को प्रभावित करने वाला वह जादुई छवि भी अब तक नहीं दिखाई दिया है, जो रामविलास के पास था.”

उन्होंने कहा, “रामविलास हाजीपुर को मां की तरह मानते थे और हाजीपुर ने भी उन्हें निराश नहीं किया और बेटे की तरह लाड-प्यार दिया.”

लड्डू जी कहते हैं कि रामविलास के निधन पर सहानुभूति वोट एलजेपी को जरूर मिलेगा लेकिन चिराग उसे कैसे लेते हैं, यह देखने वाली बात होगी. रामविलास बिहार ही नहीं देश के नेता रहे हैं.

बिहार चुनाव के बीच गुरुवार को बीमारी के बाद पासवान का निधन हो गया. एलजेपी के अध्यक्ष ने बिहार में एनडीए से अलग हटकर 143 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा की है.

बिहार की 243 सदस्यीय विधानसभा के लिए तीन चरणों में होने वाले चुनाव के लिए मतदान 28 अक्टूबर, तीन नवंबर और सात नवंबर को होगा जबकि मतगणना 10 नवंबर को होगी. पहले चरण में 28 नवंबर को 71 विधानसभा सीटों के लिए मतदान होगा जबकि दूसरे चरण में तीन नवंबर को 94 सीटों के लिए और आखिरी चरण में सात नवंबर को 78 सीटों के लिए मतदान होगा.

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