राजस्थान के नासिर-जुनैद हत्याकांड के प्रमुख आरोपी मोनू मानेसर को राजस्थान पुलिस से एनकाउंटर का डर है। अपनी सुरक्षा को लेकर मोनू ने राजस्थान की कामां कोर्ट में एक याचिका दायर की है। याचिका में कथित तौर पर कोर्ट की मंजूरी के बिना उसे अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल में ट्रांसफर किए जाने पर पुलिस की मंशा पर सवाल उठाए हैं। अजमेर से कामां की दूरी 223 किलोमीटर है।
इस दूरी को तय करने में 3 घंटे से अधिक का समय लगता है। मोनू के वकील ने दावा किया है कि मोनू वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश हो रहा था, लेकिन अब उसे सड़क पर ले जाना और इतनी दूर तक गाड़ी चलाना, उसकी जान को खतरा है।
नहीं हो पाई सुनवाई :-
मोनू मानेसर की जमानत याचिका पर 27 सितंबर को सुनवाई के लिए रखी गई थी, लेकिन कोर्ट में वर्क सस्पेंड होने के कारण सुनवाई नहीं हो सकी। अब कोर्ट ने मोनू की जमानत पर सुनवाई के लिए 30 सितंबर की डेट तय की गई है। मोनू को इस दिन सड़क के रास्ते ही सुनवाई के लिए राजस्थान पुलिस अजमेर से कामां की कोर्ट लेकर आएगी।
नासिर-जुनैद हत्याकांड के आरोप में भरतपुर जेल में बंद मोनू मानेसर को अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल में 22 सितंबर को शिफ्ट किया गया। भरतपुर पुलिस उसे कड़ी सुरक्षा में अजमेर लेकर के पहुंची थी। मोनू मानेसर को हाई सिक्योरिटी जेल में एकांत सेल में सीसीटीवी की निगरानी में रखा गया है। जेल अधीक्षक पारस जांगिड़ ने बताया कि जेल में मोनू की सुरक्षा के सभी इंतजाम किए गए हैं।

मोनू की सुरक्षा को लेकर ये सवाल:-
मोनू के वकील ने बताया कि मोनू को बिना किसी कारण या कारण के दूसरी जेल में शिफ्ट करने पर पुलिस अधिनियम के खिलाफ कोर्ट का रुख किया है। पुलिस को ऐसा करने से पहले उन्हें कोर्ट की इजाजत लेनी चाहिए थी। वकील ने सवाल उठाया कि रास्ते में किसी मुठभेड़ या पूर्व नियोजित दुर्घटना को अंजाम देने से उन्हें कौन रोक सकता है?
एक ओर, राजस्थान पुलिस कहती है कि उसके लिए सेल में अन्य कैदियों के साथ रहना या कोर्ट में पेश होना सुरक्षित नहीं है, और दूसरी ओर, उसे देर शाम दूसरी जेल में ले जाते हैं।
सुरक्षा कारणों से हरियाणा नहीं आ सका मोनू:-
गुरुग्राम पुलिस मोनू को प्रोडक्शन वारंट पर जब लेने गई थी तो राजस्थान पुलिस ने पर्याप्त सुरक्षा नहीं होने का हवाला दिया था। राजस्थान पुलिस ने मोनू मानेसर को गुरुग्राम के पटौदी तक ले जाने के लिए पर्याप्त सुरक्षा कवर की कमी का हवाला दे चुकी है। इसके एक दिन बाद ही उसे अजमेर जेल शिफ्ट कर दिया गया। हालांकि मोनू के प्रोडक्शन वारंट पर अब 7 अक्टूबर को कोई फैसला होगा।