हरियाणा के पूर्व मंत्री जगदीश यादव ने बुधवार को नई दिल्ली में कांग्रेस का दामन थाम लिया। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष चौधरी उदयभान की मौजूदगी में कांग्रेस पार्टी जॉइन की। इस दौरान सांसद दीपेन्द्र हुड्डा और खासकर दक्षिणी हरियाणा कांग्रेस की सीनियर लीडरशिप मौजूद रही।
पार्टी जॉइन करने के बाद पूर्व मंत्री जगदीश यादव ने कहा कि आज से ही अहीरवाल में भारतीय जनता पार्टी की उल्टी गिनती शुरू हो जाएगी। देखते जाओ अहीरवाल में भाजपा की क्या हालत होगी। जगदीश यादव की जॉइनिंग के वक्त गुरुग्राम से लेकर महेन्द्रगढ़ जिले तक के तमाम सीनियर नेता मौजूद रहे। इनमें पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव, महेन्द्रगढ़ से विधायक राव दान सिंह, पूर्व स्वास्थ्य मंत्री राव नरेन्द्र, पूर्व खेलमंत्री सुखबीर कटारिया, अनिता यादव भी मौजूद रही।
इससे पहले बुधवार सुबह जगदीश यादव के समर्थक गुरुग्राम में एकत्रित हुए और यहां से बड़े काफिले के रूप में दिल्ली स्थित सांसद दीपेन्द्र हुड्डा की कोठी पर पहुंचे। पूर्व सीएम भूपेन्द्र सिंह हुड्डा और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष चौधरी उदभान ने कहा कि जगदीश यादव के कांग्रेस में शामिल होने से पार्टी को मजबूती मिलेगी।
जगदीश बोले- BJP यूज एंड थ्रो वाली पार्टी
एक दिन पहले भाजपा छोड़ने के बाद जगदीश यादव ने कहा था कि वे 4 साल पहले भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए थे। इन चारों साल में उन्होंने देखा कि भाजपा का कोई सिद्धांत नहीं है। यह यूज एंड थ्रो वाली पार्टी है। वे राष्ट्रीय पार्टी की राजनीति करना चाहते है। इसलिए उन्होंने कांग्रेस को चुना है।
बता दें कि इससे पहले जगदीश यादव हरियाणा विकास पार्टी के साथ ही कई सालों तक इंडियन नेशनल लोकदल में भी रहे। इनेलो छोड़कर ही उन्होंने वर्ष 2019 में भाजपा का दामन थामा था।
1996 में राव इंद्रजीत सिंह को हराया था
दरअसल, रेवाड़ी जिले की कोसली सीट रामपुरा हाउस यानी अहीरवाल के कद्दावर नेता एवं केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के परिवार की एक तरह से पारिवारिक सीट रही है। पहले ये जाटूसाना हलका हुआ करता था, जहां से राव इंद्रजीत सिंह ने भी कई चुनाव लड़े। वहीं रामपुरा हाउस के विरोध की राजनीति करने जगदीश यादव ने अपना पहला चुनाव 1991 में हविपा की टिकट पर लड़ा। इस चुनाव में जगदीश यादव ने राव इंद्रजीत सिंह को सीधी टक्कर तो दी पर जीत नसीब नहीं हुई।
हालांकि 1996 में हुए अगले ही विधानसभा चुनाव में जगदीश यादव ने राव इंद्रजीत सिंह को जाटूसाना सीट से हरा दिया था। वे पूर्व सीएम बंसीलाल की सरकार में मंत्री भी बने। इसके बाद से ही जगदीश यादव रामपुरा हाउस के विरोध की राजनीति करते आ रहे है। कई साल तक इनेलो में रहकर उन्होंने कोसली से चुनाव लड़े। 2014 के चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनावी मैदान में उतरने जगदीश यादव ने भाजपा प्रत्याशी बिक्रम यादव को कड़ी टक्कर दी थी।
कोसली हल्के में जगदीश यादव का खुद का जनाधार है, जिसकी बदौलत ही वे लंबे समय से राजनीति में मजबूत पकड़ बनाए हुए है। 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले ही जगदीश यादव ने भाजपा की तरफ ढलना शुरू कर दिया था। कोसली विधानसभा सीट रोहतक लोकसभा क्षेत्र में आती है।
ऐसे में यहां पर उन्होंने भाजपा प्रत्याशी डा. अरविंद यादव का समर्थन किया था। जबकि दूसरी तरफ पूर्व सीएम भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के बेटे दीपेन्द्र हुड्डा चुनावी मैदान में थे, जिन्हें इस सीट पर पहली बार हार मिली थी। हालांकि अब जगदीश जगदीश यादव के हुड्डा गुट के जरिए ही कांग्रेस में आने से हुड्डा परिवार का दबदबा बढ़ेगा।