अम्बाला का एक कारोबारी प्रशासनिक अधिकारियों में फैला रहा है अपना डर और कर रहा है दावा मैने बदलवाया तहसीलदार विक्रम सिंगला को !
कारोबारी यह भी ढींगे हांक रहा है कि उसके कहने से दुष्यंत चौटाला ने बदला विक्रम सिंगला को
अम्बाला (ज्योतिकण न्यूज) : पुरानी कहावत है कहनी धी को सुनानी नू को अर्थात इन दिनो अम्बाला का एक कारोबारी लोगों में ढींगे हांकता फिर रहा है कि वह पैसे के दम पर कुछ भी करवा सकता है क्योंकि हर चीज बिकती है। अम्बाला का यह कारोबारी सारी दूनिया को बेवकूफ मानता है और अपने आप को सबसे बड़ा समझदार। अब इस कारोबारी ने अम्बाला शहर में एक नया शोशा छोड़ा है जो चर्चित है और यह कारोबारी कहता फिर रहा है कि अम्बाला शहर के तहसीलदार विक्रम सिंगला के साथ उसका छत्तीस का आंकड़ा था और उसने दुष्यंत चौटाला को कहकर विक्रम सिंगला को अम्बाला से चलता करवा दिया। इस बात में कितना दम है यह तो बेहतर दुष्यंत चौटाला या तहसीलदार बता सकते हैं लेकिन ऐसा प्रचार कर कारोबारी किन लोगों की नींद हराम कर रहा है यह बात भी भली भांति कारोबारी ही बता सकता है लेकिन फिलहाल उसने अपने खबरचियों से ऐसा प्रचार करवा दिया कि तहसीलदार विक्रम सिंगला को उस कारोबारी ने बदलवा दिया और खबरर्ची यह भी प्रचार कर रहे हैं कि कारोबारी के बहुत से गैर कानूनी काम तहसीलदार को पता चल गए थे। कारोबारी इस बात की भी चर्चा कर रहा है कि ट्रांसफर करवाने में खर्चा तो जरुर हो गया लेकिन तहसीलदार को अकल आ जाएगी।
अम्बाला का यह कारोबारी ऐसा प्रचार क्यों कर रहा है यह तो भली भांति यही बता सकता है लेकिन फिलहाल यह भी चर्चा है कि ऐसा प्रचार कर कारोबारी प्रशासनिक अधिकारियों व तहसील में अपना दबदबा कायम करना चाहता है कि कोई उसके कामों में हस्तक्षेप ना करें और जो कारोबारी कहे वह आंखें बंद करके अधिकारी कर दें क्या वास्तव में खट्टर सरकार में ऐसा चल रहा है? क्या खट्टर सरकार के उपमुख्यमंत्री अब कारोबारियों के इशारे पर अधिकारियों का तबादला करेंगे? या फिर तबादला विक्रम सिंगला का रुटीन में हुआ और तहसीलदार की उस ट्रांसफर को करवाने का श्रेय कारोबारी ले रहा है। लेकिन कारोबारी की इसके पीछे मंशा क्या है इस बात की जांच हरियाणा सरकार को करनी चाहिए।