राहुल गाँधी के हरियाणा दौरे के दौरान , गुटबाजी में बटी कांग्रेस दिखी एकजुट

ज्योतिकण (डेस्क)

हरियाणा में खेत-खलिहान और मजदूर-किसान की लड़ाई अभी लंबी चलने वाली है। कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता राहुल गांधी ने हरियाणा के दिग्गज कांग्रेसी नेताओं को इस बात का इशारा कर दिया है। साथ ही राहुल गांधी ने किसानों से भी इस आंदोलन में बढ़-चढ़कर भाग लेते हुए उनका साथ मांगा है। उधर, राहुल गांधी के इस दौरे को लेकर हरियाणा में गुटबाजी में बटी कांग्रेस फिलहाल मंगलवार को पंजाब-हरियाणा सीमा पर एकजुट दिखाई दी।

प्रदेश में राहुल गांधी का यह दौरा प्रभावशाली रहे। इसके लिए सभी कांग्रेसी दिग्गजों को एकजुट करने के लिए नवनियुक्त प्रभारी विवेक बंसल भी कई दिनों से प्रयासों में जुटे हुए थे। इसी का नतीजा यह रहा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा, रणदीप सुरजेवाला, कैप्टन अजय यादव, किरण चौधरी, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा अपने समर्थकों के साथ मौके पर मौजूद रहे। हालांकि कुलदीप बिश्नोई भी हरियाणा-पंजाब सीमा पर पहुंचे। लेकिन कुलदीप अन्य कांग्रेसी नेताओं से कुछ अलग- थलग ही दिखाई दिए।

हरियाणा-पंजाब सीमा और रैली स्थल पर हुड्डा और रणदीप सुरजेवाला के समर्थकों ने अपने-अपने नेताओं के जिंदाबाद के नारे लगाकर फिर से गुटबाजी को हवा देने की कोशिश की। लेकिन उनके नेताओं के इशारे के बाद समर्थकों ने राहुल गांधी जिंदाबाद के नारे शुरू कर दिए। माहौल फिर से एकजुटता का होता दिखा। तो राहुल गांधी ने भी सभी कांग्रेसियों को हरियाणा में इस मुद्दे को जिंदा रखते हुए आंदोलन आगे बढ़ाने की रणनीति बनाने को कहा।

किसान और कांग्रेस दोनों मिलकर इस आंदोलन को आगे बढ़ाएं

 

राहुल गांधी ने भी मंच से हरियाणा के किसानों को यह बात समझाने की कोशिश की कि नए कृषि कानून अनाज मंडियों और फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था को समाप्त करने की एक साजिश है।

इसलिए हरियाणा के सभी किसान इन कृषि बिलों के दुष्प्रभावों को समझने की कोशिश करें। राहुल गांधी ने किसानों को यह भी बताया कि कांग्रेस ने यह फैसला कर लिया है कि किसानों के आंदोलन में पार्टी उनके साथ दूर तक चलने के लिए तैयार है। बशर्ते कांग्रेस को भी इस संघर्ष में किसानों का साथ चाहिए।

उन्होंने किसानों को यह भी समझाने का प्रयास किया कि देश की अनाज मंडी करोड़ों रोजगार के अवसर भी सृजित करती है। इसलिए यदि अनाज मंडियों का कल्चर खत्म हो गया, तो इससे जुड़े रोजगार पर भी संकट आ जाएगा। दूसरा, यह सारी व्यवस्था देशवासियों को फूड सेफ्टी की गारंटी भी देती है।

लेकिन नए कृषि कानूनों का आगे चलकर ऐसा दुष्प्रभाव पड़ेगा कि अनाज भी आमजन के लिए बहुत महंगा बिकेगा। राहुल गांधी ने किसानों को डराते हुए यह तक भी कह दिया कि एक दिन इन्हीं दुष्परिणामों के चलते उनके आपसे उनकी जमीनें चली जाएंगी। इसलिए किसान और कांग्रेस दोनों मिलकर इस आंदोलन को आगे बढ़ाएं।

उधर, हरियाणा के कांग्रेसी दिग्गजों की अब इस आंदोलन को प्रदेश के गांव-गांव तक ले जाने की रणनीति तैयार करेंगे। जिसके अंतर्गत गांवों में किसानों को कांग्रेसी कार्यकर्ता कृषि कानूनों के दुष्परिणामों की जानकारी देंगे। हरियाणा की प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा कि पार्टी अब पूरी तरह एकजुट है और इस लड़ाई को पूरी ताकत के साथ मिलकर किसानो संग लड़ा जाएगा।

हल्के मूड में दिखे कांग्रेसी, खूब लगे ठहाके

हरियाणा के दिग्गज कांग्रेसी अरसे बाद हरियाणा-पंजाब सीमा पर एकजुट दिखाई दिए। यहां मारकंडा नदी के पुल पर बने बाबा मारकंडेश्वर के मंदिर को इन कांग्रेसी नेताओं ने अपना बेस कैंप बनाया हुआ था। मंदिर के परिसर में ही सभी कांग्रेसी नेता इकट्ठे होकर राहुल गांधी के हरियाणा आगमन का इंतजार कर रहे थे। राहुल की खेत बचाओ ट्रैक्टर यात्रा 6 घंटे लेट थी।

इसलिए सभी नेता एक-दूसरे से बतियाते हुए कुछ हल्के मूड में दिखाई दिए। खूब हंसी मजाक चला तो, इसी में रणदीप सुरजेवाला ने पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव ने कहा कि कैप्टन साहब तो अब रिटायर हो गए हैं। तभी पलटकर पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव ने भी  मजाकिया अंदाज में जवाब दिया कि अभी मैं रिटायर नहीं हुआ,  सब को रिटायर करके ही रिटायर होऊंगा।

इस पर सभी कांग्रेसी जमकर हंसे। कैप्टन ने कहा कि मैं और रणदीप दोनों एक ही गुरु के चेले हैं। लेकिन शायद रणदीप ने गुरुजी से राजनीति के गुर मुझसे ज्यादा सीख लिए। इस पर रणदीप सुरजेवाला ने भी कैप्टन के आगे हाथ जोड़कर कहा कि कैप्टन तो कैप्टन होता है वह जो कहे वो सही। इसी तरह अन्य दिग्गज नेताओं में भी हंसी ठहाकों का माहौल बना रहा।

 

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