अब नई पारी में नजर आएंगे मनोहर लाल, लोकसभा चुनाव के ऐसे तीसरे प्रत्याशी जो पूर्व में रहे हैं सीएम

हरियाणा में लोकसभा चुनाव के लिए सियासी समीकरण लगातार बदल रहे हैं। भाजपा ने मनोहर लाल को करनाल लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाते हुए वर्तमान में सांसद संजय भाटिया का टिकट काटा है। 2019 के चुनाव में मनोहर लाल ने मुख्यमंत्री रहते हुए संजय भाटिया के लिए प्रचार करते हुए पसीना बहाया था।

भगवत दयाल शर्मा और भजन लाल के बाद मनोहर लाल लोकसभा चुनाव के ऐसे तीसरे प्रत्याशी होंगे जो पूर्व में मुख्यमंत्री भी रहे हैं। वे अब करनाल सीट पर नई पारी खेलते नजर आएंगे। करनाल सीट से टिकट मिलने के बाद क्षेत्र के भाजपाइयों में एक बार फिर उत्साह का माहौल है। मंगलवार को मनोहर का सीएम पद छिनने के बाद जहां कार्यकर्ता थोड़े मायूस थे वहीं आज करनाल में मनोहर खेमे के कार्यकर्ता खासे उत्साहित नजर आ रहे हैं।

बुधवार शाम को भाजपा कार्यालय कर्ण कमल में मनोहर लाल को लोकसभा की टिकट मिलने का जश्न मनाया गया। इधर, सांसद संजय भाटिया का कहना है कि वे उनके स्थान पर मनोहर लाल को टिकट मिलने से वे खुश हैं। वे मनोहर लाल को सफेद चोले में राजनीतिक संत मानते हैं। पार्टी ने उनके बदले में मनोहर लाल को आगे किया है, तो वे खुश हैं कि करनाल को उनसे अच्छा सांसद मिलेगा।

भाजपा ने मनोहर लाल को करनाल लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाते हुए वर्तमान में सांसद संजय भाटिया का टिकट काटा है। 2019 के चुनाव में मनोहर लाल ने मुख्यमंत्री रहते हुए संजय भाटिया के लिए प्रचार करते हुए पसीना बहाया था। उस समय भाटिया देश में दूसरे नंबर पर रिकाॅर्ड 654269 मतों से जीतकर लोकसभा पहुंचे थे। करनाल लोकसभा सीट पिछले दो प्लान से भाजपा के पाले में है। दोनों बार पार्टी ने पंजाबी चेहरे को ही आगे किया। संजय भाटिया से पहले 2014 में अश्वनी चौपड़ा ने यहां 10 साल बाद कमल खिलाया था।

मनोहर ने अपनी जिम्मेदारी पर दिलाया था भाटिया को टिकट

पूर्व सीएम मनोहर लाल ने 2019 के चुनाव में करनाल से अपनी जिम्मेदारी पर संजय भाटिया को टिकट दिलवाया था। इसके बाद सीट पर प्रचार करने के लिए खुद के अलावा किसी दूसरे प्रचारक को नहीं बुलाया। इतना ही नहीं खुद भी मात्र चार बार ही प्रचार के लिए गए। उस दौरान पन्ना प्रमुखों की बैठक ली और सभी नौ विधानसभा में रैलियों का आयोजन किया। उस समय सीएम ने इससे ज्यादा करनाल सीट पर जोर लगाना उचित नहीं समझा। अब वे खुद सांसद उम्मीदवार के रूप में जनता के बीच होंगे।

कांग्रेस के दबदबे वाली करनाल सीट पर भाजपा मजबूत

करनाल सीट पर शुरू से ही कांग्रेस का दबदबा रहा। वर्ष 1952 के पहले चुनाव में कांग्रेस के विरेंद्र सत्यवादी ने जीत दर्ज की थी। वर्ष 2009 तक 11 बार कांग्रेसी प्रत्याशी इस सीट से जीत दर्ज करते रहे। 2019 में भाजपा की ये चौथी जीत ने रिकॉर्ड कायम किया था। इससे पहले 2014 में अरविंद शर्मा और 1999 व 1996 में आईडी स्वामी जीते थे। अब दो प्लान से लगातार विधायक रहने वाले मनोहर लाल के प्रत्याशी बनाकर भाजपा अपनी मजबूती को बरकरार रखना चाहती है।
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