सीएम नायब सैनी की मां बोलीं; पिता ने लड़े थे दो युद्ध, विश्वास था बेटा बनेगा कुछ

हरियाणा के नवनियुक्त सीएम नायब सिंह सैनी की माता कुलवंत कौर बताती हैं कि जब नायब सिंह आरएसएस से जुड़ रहे थे तब एक ही बात कही थी कि जो दिल करे वो करो। नायब सिंह की शुरुआती शिक्षा गांव के सरकारी स्कूल से हुई। सीएम की दो बहनें हैं। छावनी से लगभग 30 किलोमीटर दूर स्थित मिर्जापुर माजरा गांव नायब सिंह सैनी के सीएम बनने के बाद से चर्चा में है। गांव में घुसते ही 30 मीटर खेतों के बीच में सीएम का घर है। जहां मंगलवार दोपहर से बधाई देने वालों का तांता लगा है। बुधवार को भी कुछ युवा घर में डीजे लगाते दिखे

घर के बाहर पुलिस पहरे में सीएम के भाई चंदन सैनी लोगों का अभिवादन स्वीकार करते नजर आए। एक कमरे में डॉ. केशवराव बलराम हेडगेवार, भारत माता, श्रीगुरुजी की तस्वीर नजर आती है तो दूसरी दीवार पर राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू, पीएम नरेंद्र मोदी, राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय और पूर्व सीएम मनोहर लाल की तस्वीरें लगी हैं।

अमर उजाला से बात करते हुए चंदन सिंह बताते हैं कि उनके पिता दिवंगत तेलुराम सैनी के आशीर्वाद और संगठन सेवा की बदौलत ही उनके भाई सीएम हैं। वे मूलरूप से कुरुक्षेत्र के गांव मंगोली जाटान के हैं, मगर वर्ष 1960 में पूर्वजों ने मिर्जापुर माजरा में जमीन ले ली और पूरा परिवार यहीं बस गया। पिता ने वर्ष 1962 में चीन के साथ तो वर्ष 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध में भाग लिया था।

वर्ष 2005 में वह पठानकोट से हवलदार के पद से सेवानिवृत्त होकर गांव पहुंचे। इसी वर्ष उनकी हार्ट अटैक से मौत हो गई। पिता की मौत के बाद नायब सिंह सैनी और उनके भाई दोनों ही खुद गांव में खेती करते रहे। सीएम नायब सिंह की माता 75 वर्षीय कुलवंत कौर सबसे अधिक खुश हैं। वे बताती हैं कि कभी सोचा नहीं था कि बेटा मुख्यमंत्री बनेगा मगर जरूर विश्वास था कि कुछ बड़ा करेगा।

 

मां बोलीं- बचपन में करते थे राजनीति की बातें

माता कुलवंत कौर बताती हैं कि जब नायब सिंह आरएसएस से जुड़ रहे थे तब एक ही बात कही थी कि जो दिल करे वो करो। नायब सिंह की शुरुआती शिक्षा गांव के सरकारी स्कूल से हुई। सीएम की दो बहनें हैं। बहन श्वेता और संतोष बताती हैं कि बचपन में भाई नायब सिंह जब राजनीति से जुड़ी बातें करते थे तो उन्हें विश्वास नहीं होता था कि भाई इतने गंभीर हैं कि वह एक दिन प्रदेश के मुख्यमंत्री बन जाएंगे।

छोटों के साथ छोटे, बड़ों के साथ बड़े हैं मामा

सीएम नायब सिंह सैनी की तीन भांजी हैं। इसमें हर्षिता बताती है कि मामा परिवार में सबसे प्रेम करते हैं। वे जब हमारे साथ होते हैं तो बच्चे बन जाते हैं और जब बड़ों से बात करते हैं तो बड़े। उनके सीएम बनने से बहुत खुशी है। वह अपनी मां के साथ अभी ननिहाल इसी खुशी को साझा करने आईं हैं। बचपन में स्कूल की छुट्टियां होते ही वह अपने साथ सभी को ननिहाल ले आते थे।

आरएसएस में रहते बढ़ी थीं पूर्व सीएम से नजदीकी

भाई चंदन बताते हैं कि पहले नायब सैनी ने संघ से जुड़कर शाखा में जाना शुरू किया। संघ का काम करने के दौरान उनका संपर्क संघ में प्रचारक रहे मनोहर लाल से हुआ। उन्होंने पूर्व सीएम को गुरु बना लिया और सामाजिक क्षेत्र में काम किए। इसी दौरान कुछ समय के लिए नायब सिंह सैनी को पीएम का भी सानिध्य मिला। इसके बाद वर्ष 2002-03 में संघ ने उन्हें क्षेत्र में कार्य करने को भेज दिया तो वे गांव आ गए और सिटी केबल नेटवर्क के व्यापार से जुड़ गए।

एक बहन की कुरुक्षेत्र तो दूसरी की शादी कुरुक्षेत्र में

सीएम नायब सिंह के भाई चंदन बताते हैं कि वे चार भाई-बहन हैं। सबसे बड़े वे हैं तो छोटे नायब सिंह, फिर बहन श्वेता और संतोष हैं। श्वेता की शादी शहर के नदी मोहल्ला में हुई है तो छोटी बहन संतोष कुरुक्षेत्र है, जोकि अब गुरुग्राम में है। भाई चंदन पहले इटली में नौकरी करते थे फिर भाई राजनीति में गए तो वे वर्ष 2014 में गांव आ गए। यहां वह खेती और क्रशर के दो प्लांट संचालित करते हैं। घर में चंदन की पत्नी ऊषा, बेटा विशाल और रसम सिंह भी हैं। नायब सिंह की पत्नी सुमन सैनी सक्रिय राजनीति में हैं तो बेटे अनिकेत और वंशिका चंडीगढ़ ही शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।

एक पल के लिए मिले मां से

सीएम बनने के बाद राजभवन में उनकी एक पल के लिए मां कुलवंत कौर से मुलाकात हुई। उसके बाद उनकी मां से बात नहीं हुई है, अब मां गांव में अपने घर में बेटे का इंतजार कर रही हैं। गांव में घर को लड़ियों से सजाया जा रहा है। वहीं समूचे गांव में इंतजार है कि उनके गांव का बेटा सीएम के रूप में जल्द आएगा।
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