प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए गुरुग्राम जिला प्रशासन ने पटाखों के निर्माण, बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। 1 नवंबर से लागू होने वाला यह प्रतिबंध 31 जनवरी 2024 तक प्रभावी रहेगा, जिला दंडाधिकारी निशांत कुमार यादव ने जारी आदेश में कहा कि जनहित में हरित पटाखों एवं बेरियम साल्ट को छोड़कर सभी प्रकार के पटाखों के निर्माण, बिक्री एवं उपयोग पर प्रतिबंध लगाया गया है।
पटाखों के निर्माण, बिक्री, उपयोग पर प्रतिबंध:-
सीआरपीसी की धारा 144, 1973, विस्फोटक अधिनियम, 1884 और विस्फोटक नियमों के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, हरे पटाखों को छोड़कर सभी प्रकार के पटाखों और सभी प्रकार के पटाखों के निर्माण, बिक्री, उपयोग पर प्रतिबंध रहेगा। 1 नवंबर, 2023 से 31 जनवरी, 2024 की अवधि के लिए, “गुरुग्राम जिला मजिस्ट्रेट द्वारा पारित प्रतिबंध आदेश में कहा गया है। आदेश के अनुसार केवल दिवाली, गुरुपर्व, क्रिसमस और नए साल की पूर्व संध्या जैसे विशेष अवसरों पर सीमित समय के लिए हरित पटाखों के उपयोग की अनुमति होगी।
ई-कॉमर्स कंपनियों पर भी लागू रहेंगे ये नियम:-
दिवाली या गुरुपर्व जैसे किसी अन्य त्योहार के लिए, पटाखे फोड़ने की अनुमति केवल रात 8:00 बजे से 10:00 बजे तक दी गई है। क्रिसमस और नए साल की पूर्व संध्या पर, जब ऐसी आतिशबाजी आधी रात के आसपास शुरू होती है, तो यह रात 11:55 बजे से 12:30 बजे तक चलती है। फ्लिपकार्ट, अमेज़न आदि ई-कॉमर्स कंपनियां पटाखों के लिए कोई भी ऑनलाइन ऑर्डर स्वीकार नहीं करेंगी। क्षेत्रीय अधिकारी, हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, गुरुग्राम को भी सर्वोच्च न्यायालय और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के निर्देशों के अनुसार नियमित रूप से वायु गुणवत्ता की निगरानी करने और संबंधित वेबसाइटों पर डेटा अपलोड करने का निर्देश दिया गया है।