विश्व हिंदू तख्त प्रमुख शांडिल्य ने प्रदेश लिपिक वर्ग को धरना स्थल पर जाकर समर्थन दिया

 मजूदर संघ के बैनर तले चल रहे हरियाणा में लिपिक, सहायक अधीक्षक, अधीक्षक अपनी पे स्केल 35 हजार 400 रुपये करने को लेकर पिछले 16 दिनों से राज्य स्तर पर धरने पर बैठे हैं आज अम्बाला डीसी परिसर में चल रहे धरने का विश्व हिन्दू तख्त के अंतरराष्ट्रीय प्रमुख व एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेश शांडिल्य ने समर्थन किया और धरना स्थल पर पहुंचने पर लिपिक वर्ग के सैंकड़ो लोगो ने वीरेश शांडिल्य का स्वागत किया । शांडिल्य ने धरने को संबोधित करते हुए कहा कि वो धरने, प्रदर्शन,
आंदोलनों के बीच से निकले हैं और सबसे पहले वो लिपिक वर्ग की मांग का विश्व हिन्दू तख्त व एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया की तरफ से समर्थन करते हैं ओर यह दोनों उनके संगठन गैर राजनीतिक हैं और वीरेश शांडिल्य ने सबसे पहले 16 दिन से बैठे लिपिकों के  संघर्ष में अपनी आहुति डालते हुए नकद 11 हजार की आर्थिक सहायता दी और कहा कि जहां उनका पसीना बहेगा उनके संगठन का लिपिक वर्ग के लिए खून बहेगा।  उन्होंने कहा कि अंबाला का डीसी दफ़्तर हो या कोई भी जिला का सरकारी दफतर इन
क्लर्को के बिना अधूरा है और ये न दिन देखते हैं न रात जनता की सेवा कर रहे आज तक इनकी बात को डीसी डॉ शालीन ने मुख्यमंत्री ,या गृह मंत्री अनिल विज सहित मुख्य सचिव तक इनकी आवाज क्यों नही पहुंचाई जबकि डीसी तो लोगो की बात सुनते हैं समस्यों का निवारण दफ़्तर के यह लिपिक (क्लर्क) ही करते हैं। विश्व हिन्दू तख्त के प्रमुख वीरेश शांडिल्य ने कहा कि 16 दिन से सरकार के दफ़्तर चलाने वाले यह लिपिक सड़को पर हैं क्या इनकी रोने की आवाज सरकार ने नही सुनी । कहते हैं माँ भी बिना रोये बच्चे को दूध नही देती फिर इन 16 दिन से सड़कों पर उतर कर रोने वाले अपने सरकारी बच्चो का रोना सरकार को नही सुना।
शांडिल्य ने कहा वह न खट्टर सरकार के विरोधी नही बलिक उन्होंने धरने पर बैठे लोगों को कहा खट्टर ओर अनिल विज की जोड़ी ईमानदार है इतना ईमानदार सीएम वगृह मंत्री हरियाणा को नही मिल सकता फिर सरकार विरोधियों को मुद्दे परोस कर क्यों दे रही है ।शांडिल्य ने कहा कि पे स्केल बढ़ा कर 35 हजार 400 करना इनका हक है और सरकार 16 दिन से किस इंतजार में है जबकि बाढ़  जैसे प्रकोप में हड़ताल पर बैठे इन सरकारी लिपिकों ने लोगो के काम डयूटी पंर आकर कर इंसानियत का परिचय दिया। विश्व हिन्दू तख्त के प्रमुख शांडिल्य के भाषण से धरना देने वालो में जोश आ गया तालियां गूँजती रही। 
शांडिल्य ने कहा कि उन्होंने सीएम मनोहर लाल से आपकी मांगों कोई लेकर समय मांगा है और कल सीएम खट्टर व गृह मंत्री अनिल विज को पत्र लिख धरने को समर्थन देते हुए पे स्केल 35 हजार 400 करने की मांग की थी। उन्होंने हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल से मांग की है वो लिपिक वर्ग की फरियाद मुख्यमंत्री के समक्ष रखे व शांडिल्य ने  सीआईडी चीफ आलोक मित्तल से मांग की है वह वो सरकार के पास प्रदेश में 16 दिन से धरने पर बैठे लिपिकों की बात सीएम तक सही ढंग से भेजने का काम करें। अगर ये लिपिक राजनीति करते तो अपने मंच पर राजनेताओ को आमंत्रित करते विरोधियो को तो मुद्दा चाहिए लेकिन लिपिक सरकार के वफादार हैं और बच्चों की तरह शांति पूर्वक धरना दे रहे हैं। शांडिल्य ने धरना स्थल पर शायरी सुनाई कि हम वो नही जो साथ छोड़ देंगे, हम वो नही जो नाता तोड़ देंगे, हम आपके वो दोस्त हैं आपकी सांस रुकी अपनी सांस से जोड़ देंगे। और कहा कि यदि धरना चंडीगढ़ जाकर देना पड़ेगा तो विश्व हिन्दू तख्त व एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया इनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। 
साथ ही वीरेश शांडिल्य ने धरने पर बैठे लिपिकों को अनुरोध व सुझाव दिया कि वह एक बार हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज को लिखित दे वो साक्षात धरती पर संकटमोचक हैं और बाढ़ में बिना सेहत की परवाह लोगो को बचाया लिपिक एक बार अनिल विज से खुद मिले निश्चित तौर पर अनिल विज मुख्यमंत्री खट्टर से इस मसले का हल करवा देंगे क्योंकि विज खुद एक बैंक में नोकरी कर चुके हैं वो कर्मचारियों की समस्या को समझते हैं। शांडिल्य ने कहा कि सरकार एक बात समझ लें जो प्रदेश में लिपिक 22 जिलों में बैठे हैं इनके साथ समाज के लाखों लोग जुड़े हुए हैं इसलिए इससे पहले ये आंदोलन उग्र रूप ले ओर विपक्ष सरकार को बदनाम करे तुरंत मुख्यमंत्री मनहोर लाल को इनका पे स्केल 35 हजार 400 करने के आदेश जारी करने चाहिए कोई सरकार हो या परिवार अपनी रीड
 
की हड्डी को कोई न तोड़ता है न कमजोर करता है लिपिक सरकारी दफ्तरों की रीड की हड्डी है ।शांडिल्य ने शायरी सुनाते हुए जोश भर दिया चलो चलो अब रण होगा, रण बड़ा भीषण होगा, कर्मचारियों के इस यज्ञ में विश्व हिन्दू तख्त व एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया का सब कुछ अर्पण होगा। शांडिल्य ने इन क्लर्कों को सरकारी दफ्तरों की शान बताया ओर कहा कि लोग तो दूध देने वाली गऊ की लात भी खा लेते हैं तो ये कौन सा सरकारी दफ्तरों में सरकार की इज्जत में चार चाँद नही लगाते।16 दिन से धरने पर बैठे है । सरकारी अफसरों से दफ्तरों का व जनता से दफ्तरों का हाल पूछे सरकार तो इन लिपिकों की मांग बड़ी छोटी लगेगी ।
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