सुनील जाखड़ भाजपा में शामिल:दिल्ली में नड्डा ने दिलाई सदस्यता, मोदी की तारीफ कर जाखड़ बोले- सिद्धांतों से हट गई है कांग्रेस
(अम्बाला ज्योतिकण ) कांग्रेस को अब पंजाब से बड़ा झटका लगा है। पंजाब कांग्रेस के दिग्गज हिंदू नेता सुनील जाखड़ आज भाजपा में शामिल हो गए। दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उन्हें पार्टी की प्राथमिक सदस्यता दिलाई। जाखड़ ने कुछ दिन पहले ही अनुशासनहीनता का नोटिस मिलने पर कांग्रेस छोड़ दी थी। इससे पहले गुजरात से कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल भी कांग्रेस छोड़ चुके हैं। जाखड़ का परिवार करीब 50 साल कांग्रेस में रहा। इस वक्त उनकी तीसरी पीढ़ी से भतीजे संदीप जाखड़ कांग्रेस के विधायक बने हैं।
50 साल कांग्रेस के साथ रहे
भाजपा जॉइन करने के बाद जाखड़ ने कहा कि 1972 से लेकर 2022 तक हर अच्छे-बुरे समय में हमारा परिवार 50 साल तक कांग्रेस के साथ रहा। जाखड़ ने कहा, ‘मैंने कभी राजनीति को निजी स्वार्थ के लिए इस्तेमाल नहीं किया। मैंने कभी किसी को तोड़ने की कोशिश नहीं की। सुनील जाखड़ ने एक परिवार से रिश्ता तोड़ा तो कुछ आधारभूत बातें थी। मैंने राष्ट्रीयता, एकता और पंजाब के भाईचारक सांझ के लिए यह कदम उठाया।’
कांग्रेस पार्टी सिद्धांतों से हटी
उन्होंने कहा कि पंजाब में दंगों के वक्त भी हिंदू-सिख भाईचारा कभी नहीं टूटा। मेरी जिंदगी का यही मूल मंत्र भी था। जाखड़ ने कहा कि मुझे दुख इस बात का है कि मुझे इस बात के लिए कटघरे में खड़ा किया गया कि मैंने पंजाब को जाति, धर्म और परसेंटेज के आधार पर न बांटने की बात कही। जाखड़ ने कहा कि मैंने रिश्तों को उसूलों की तरह निभाया है। जब पार्टी अपने सिद्धांत से ही हट जाए तो इसके बारे में सोचना पड़ता है।
PM मोदी की जमकर तारीफ
सुनील जाखड़ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खूब तारीफ की। उन्होंने कहा कि मैं डेढ़ साल संसद में रहा। प्रधानमंत्री मोदी करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन के लिए पंजाब आए थे। तब उनके साथ लंगर छका और बातचीत का मौका मिला। अब उन्होंने लाल किले पर हिंद की चादर श्री गुरू तेग बहादुर जी का 400वां प्रकाश पर्व बनाया।
हिंदू होने की वजह से CM नहीं बनाया
सुनील जाखड़ ने आरोप लगाया था कि कैप्टन अमरिंदर सिंह को कुर्सी से हटाने के बाद ज्यादातर विधायक उनके पक्ष में थे। इसके बावजूद उन्हें CM नहीं बनाया गया। इसके पीछे की वजह सोनिया गांधी की नजदीकी अंबिका सोनी हैं। जिन्होंने कहा कि पंजाब में सिख CM ही होना चाहिए। इससे पहले जाखड़ को हटाकर कांग्रेस ने नवजोत सिद्धू को प्रधान बना दिया था। इसके बाद नाराज होकर जाखड़ ने एक्टिव पॉलिटिक्स से किनारा कर लिया था।
कांग्रेस के नोटिस भेजने के बाद हुए आहत
सुनील जाखड़ को कांग्रेस ने अनुशासनहीनता का नोटिस भेजा था। कांग्रेस ने कहा कि चुनाव से पहले उनके बयानों से पार्टी को बहुत नुकसान हुआ। हालांकि, जाखड़ ने इस नोटिस का जवाब नहीं दिया। जाखड़ ने कहा कि कांग्रेस हाईकमान को उनसे बात करनी चाहिए थी। इसके बजाय उन्हें नोटिस थमा दिया गया।
कांग्रेस पर बड़े आरोप लगा जाखड़ ने छोड़ी पार्टी
सुनील जाखड़ ने कांग्रेस छोड़ने से पहले पार्टी नेताओं पर बड़े आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व चापलूसों से घिरा हुआ है। राहुल गांधी फैसले नहीं लेते। उन्हें दोस्त और दुश्मन की पहचान करनी चाहिए। जाखड़ ने अंबिका सोनी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पंजाब में ज्यादातर कांग्रेस इंचार्ज सोनी की ही कठपुतली बनकर काम करते रहे। जाखड़ ने कांग्रेस के उदयपुर चिंतन शिविर पर भी सवाल उठाए थे।
सुनील जाखड़ का सियासी सफर
सुनील जाखड़ पंजाब कांग्रेस के प्रमुख हिंदू नेता थे। वह अबोहर के गांव पंचकोसी के रहने वाले हैं। उनके पिता बलराम जाखड़ भी कांग्रेस के दिग्गजों में शामिल थे। उनका परिवार तीन पीढ़ियों से कांग्रेस से जुड़ा रहा। जाखड़ 2002 में पहली बार अबोहर शहर से विधायक चुने गए थे। वह यहां से 3 बार विधायक बने। इसके बाद वह 2012 से 2017 तक पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता भी रहे। सुनील जाखड़ ने BJP का गढ़ माने जाने वाली गुरदासपुर लोकसभा सीट से 2017 में बड़े अंतर से जीत हासिल की थी। कैप्टन जब 2017 के बाद CM बने तो जाखड़ पंजाब कांग्रेस के प्रधान रहे।