ऐलनाबाद में वोट कांडा बंधुओं की थी, भाजपा की नहीं ! क्या है आपकी राय कमेंट कर बताएं !

ऐलनाबाद में वोट कांडा बंधुओं की थी, भाजपा की नहीं !

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के छोटे बेटे एवं हरियाणा विधानसभा में विपक्ष के पूर्व नेता अभय सिंह चौटाला ने किसानों के हित में त्याग करते हुए और किसानों को अपना समर्थन देते हुए हरियाणा विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। जिस पर पुन: उपचुनाव हुआ और दीपावली से एक दिन पहले उपचुनाव के नतीजे आए और अभय सिंह चौटाला तकरीबन साढ़े छह हजार वोट से जीत गई जबकि कांग्रेस के पवन बैनीवाल की जमानत जब्त हो गई जबकि भाजपा-जजपा-हलोपा के सांझे उम्मीद्वार गोबिंद कांडा भले ही हार गए लेकिन उन्हें अच्छी खासी वोट मिली और वह दूसरे नंबर पर आए। हालांकि भाजपा इसे हारने के बाद भी अपनी जीत बता रही है। भाजपा के सहयोगी जजपा व भाजपा सरकार को समर्थन देने वाले खट्टर सरकार में मंत्री रणजीत सिंह भी इसे भाजपा की जीत ही बता रहे हैं। क्योंकि अभय चौटाला पहले के मुकाबले बहुत थोड़े मार्जन से  जीते। हालांकि जीत तो जीत है। कहते हैं जो जीता वही सिकंदर। भाजपा जिसे अपनी जीत बता रही है वह भाजपा की जीत नहीं बल्कि कांडा बंधुओं की जीत है। ऐलनाबाद में जीतने भी भाजपा को वोट मिले हैं वह भाजपा को नहीं गोपाल कांडा व गोबिंद कांडा को मिले हैं।

यदि भाजपा गोबिंद कांडा को पार्टी में शामिल करवाकर उन्हें मैदान में ना उतारती तो शायद जो स्थिति ऐलनाबाद उपचुनाव में कांग्रेस की हुई वह भाजपा की हो सकती थी। इसलिए भाजपा अपनी हार को स्वीकारे और जो ऐलनाबाद में जो वोट मिला है उसकी जमीनी हकीकत को समझे कि वह वोट सिर्फ और सिर्फ कांडा बंधुओं के नाम का है। इसलिए आने वाले समय में भाजपा को कांडा बंधुओं को मान सम्मान देना होगा। कांडा बंधुओं को ना केवल पार्टी संगठन में बल्कि गोपाल कांडा को सरकार में अहम मंत्रालय देकर अपने आप को मजबूत करना होगा। अगर भाजपा रणनीति से चली तो चौधरी ओम प्रकाश चौटाला का किला भेदने में कांडा बंधु 2024 में कामयाब हो सकते हैं। अब यह भाजपा ने देखना है कि कांडा बंधुओं को कैसे मजबूत किया जाए। कांडा बंधुओं को किस तरह सरकार में सिरसा जिला में व संगठन में मजबूत किया जाए। भाजपा कांडा बंधुओं को जितना गुड़ देगी उतना मीठा होगा। हालांकि भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व भी ऐलनाबाद उपचुनाव में अपनी हार नहीं मान रहा। और बल्कि जेपी नड्डा जो पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं उन्होंने तो हरियाणा के मुख्यमंत्री व प्रदेश संगठन की व कांडा बंधुओं की पीठ थपथपाई।

भाजपा को एक बात समझ लेनी चाहिए कि कांडा बंधुओं की छवि साफ सुथरी है और उनका जिला सिरसा में अच्छा रुतबा है, जनता में पकड़ है। ऐसे में कांडा बंधु भाजपा के लिए सिरसा में चौटाला का स्थाई विकल्प हो सकते हैं। लेकिन भाजपा हाईकमान को तय करना है कि कांडा बंधुओं की सेवाएं किस तरह, कैसे ली जाएं। भाजपा हाईकमान ने गोबिंद कांडा को भाजपा में शामिल कर अच्छा फैसला लिया। राजनीति में सबसे अहम फैसले होते हैं किस वक्त क्या फैसला लेना है यही अहम होता है। इसलिए भाजपा आने वाले समय में भी कांडा बंधुओं के लिए अहम फैसले लेकर ना केवल सिरसा में अपने आप को मजबूत करे बल्कि कांडा बंधुओं को भी पुरी ताकत देकर उन्हें आने वाले समय में ओम प्रकाश चौटाला के विकल्प के तौर पर देखना चाहिए। कांडा बंधु राम-लक्ष्मण भी हैं भाजपा के लिए संकट मोचक भी साबित होंगे और सिरसा जिला में नहीं कांडा बंधु पूरे प्रदेश में भाजपा को ताकत देने में सक्षम हैं।

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