अधिकारी लिखते हैं निर्माण अवैध, फिर अवैध को तोड़ेगा कौन
वीरेश शांडिल्य की कलम से खरी-खरी
यह कैसा प्रशासन है जो खुद ही अवैध निर्माण करवाता है और खुद ही आरटीए के माध्यम से सूचना देता है कि निर्माण अवैध है। ऐसे प्रशासनिक अधिकारियों चाहे उनमें निगम के अधिकारी हों, तहसील के अधिकारी हों, डीटीपी ऑफिस के अधिकारी हों, नैशनल हाईवे के अधिकारी हों। कहीं ना कहीं इन सब के कारण लोग कानून को जेब में होने का दावा करते हैं। हरियाणा में क्या चल रहा है यह तो जब जांच शुरू होगी तब पता चलेगा लेकिन अम्बाला शहर में अनेको निर्माण प्रशासनिक अधिकारियों की मिली भगत से अवैध बन चुके हैं, बन रहे हैं या बनने की स्थिति में है काम चल रहा है। अवैध निर्माण चल रहा है कोई खास बात नहीं क्योंकि भू माफिया हमेशा मौके की ताक में रहते हैं लेकिन अवैध निर्माण जिला के प्रशासनिक अधिकारियों की मिली भगत से हो, लाखों करोड़ों के लेन देन के बाद हो तो फिर खट्टर सरकार किस बात का भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन देने की बात कर रही है। और हद तो इस बात की है कि खुद प्रशासनिक अधिकारी आरटीआई एक्ट के तहत सूचना में लिखित देते हैं कि यह निर्माण अवैध है। तो यदि उन्हें पता है कि निर्माण अवैध है तो फिर क्या उस अवैध निर्माण की जानकारी लिखित तौर पर सरकार को मुख्य सचिव को, लॉकल बाडी के एफसीआर को, डीटीपी आॅफिस के उच्च अधिकारियों को कभी अधिकारियों ने दी, भला क्यों दे।
ऐसा करने से अधिकारियों की अवैध कमाई बंद हो जाएगी यदि भू माफियों पर केस दर्ज हो गए, यदि भू माफियों की अवैध निर्माणों पर बुलडोजर चल गए, जेसीबी चल गई तो फिर तमाम अधिकारियों की अवैध कमाई बंद हो जाएगी। हरियाणा के लॉकल बाडी मंत्री अनिल विज को अब संज्ञान लेना चाहिए अब समय आ गया है कार्रवाई का, अब भगवान राम की तरह अनिल विज को धनुष में बाण चढ़ा देना चाहिए। सिर्फ उन अधिकारियों के खिलाफ स्टेट लेवल पर विजीलैंस जांच शुरू करवा देनी चाहिए जिन्होंने स्वयं आरटीआई में यह लिखकर दिया है कि यह निर्माण अवैध है और जबकि आरटीआई में जानकारी देने वाले विभाग ने ही अवैध निर्माण को तोड़ना है, अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई करनी है, दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करनी है और वह ही सरकार की आंखों में धूल नहीं मिर्चे झौंक रहे हैं ऐसे अधिकारियों को ना केवल जेल भेजना चाहिए बल्कि ऐसे अधिकारियों की सेवाएं बर्खास्त कर देनी चाहिए क्योंकि जब बाड़ ही खेत को खाएगी, जब रक्षक ही भक्षक बन जाएंगे तो फिर राम राज की कल्पना क्यों। अनिल विज जी को अब शिकंजा कसना होगा क्योंकि अब तो अधिकारी भ्रष्टाचार को कोरोना से भी तेज फैला रहे हैं ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों की वैक्सिन सिर्फ अनिल विज हैं।