संपादकीय: सिटी मीडिया अब मंथली लेने वाली खबर पर असीम गोयल से मांगे माफी,होगा बड़प्पन
वीरेश शांडिल्य की कलम से खरी-खरी
अम्बाला शहर के दूसरी बार विधायक बने असीम गोयल को लेकर सिटी मीडिया के संपादक नरेंद्र भाटिया ने खबर छापी थी कि असीम गोयल पुलिस से मंथली लेते हैं। इस खबर पर काफी बवाल मचा। और उसके बाद अम्बाला शहर के विधायक ने इस फर्जी मनघड़ंत खबर से हताश होकर अम्बाला की सीजेएम कोर्ट में सिटी मीडिया के मुख्य संपादक नरेंद्र भाटिया के खिलाफ केस दायर कर किया। निश्चित तौर पर इस खबर से असीम गोयल की प्रतिष्ठा समाज में धूमिल हुई और निश्चित तौर पर इस तरह की खबर लगना मीडिया से जुड़े लोगों की छवि खराब करता है। पहली बार विधायक भले ही असीम गोयल मोदी की लहर में बन गए हों लेकिन दूसरी बार विधायक बनना काबलियत का हिस्सा है जिसे भाजपा हाईकमान भी समझती है और गत दिनों असीम गोयल ने किसानों, मजदूरों व आढ़तियों के पक्ष में अपनी ही सरकार के खिलाफ धरने पर बैठ गए और मुख्यमंत्री ने उस अधिकारी को शिक्षा का पाठ भी पढ़ाया और असीम गोयल के विरोध को जायज बताया। ऐसा काम वही विधायक कर सकता है जिसकी रीढ़ की हड्डी मजबूत हो, जिसका जनता में आधार हो तो ऐसे में सिटी मीडिया ने बिना सोचे समझे असीम गोयल के खिलाफ पुलिस से मंथली लेने के आरोप में लम्बी चौड़ी खबर छाप दी लेकिन सिटी मीडिया के संपादक नरेंद्र भाटिया यह भूल गए कि लम्हो ने खता की सदियों ने सजा पाई।
सिटी मीडिया के संपादक नरेंद्र भाटिया यह भी भूल गए जो बोओगे वो काटोगे। सिटी मीडिया ने गत दिनों अपनी ही पत्रकार बिरादरी को लेकर भी लम्बी चौड़ी खबर लिखी थी लेकिन बाद में उन्हें आभास हुआ कि यह गलत हो गया। चलो सिटी मीडिया ने पत्रकारों की बैठक में आकर माफी मांग ली लेकिन कुछ गलतियां ऐसी भी जो जाती है जो चाहकर भी माफ नहीं हो सकती। इसलिए बोलने से पहले तोलना चाहिए जो किताबे पढ़कर हम सब पंडित बनते हैं, विद्वान बनते हैं वह किताबे किसी ने तो लिखी और उनकी लिखी किताबे उनके ना होने के बाद भी समाज को रोशनी दे रही हैं। समाज का पथ प्रदर्शक बनी हुई है। इसलिए भविष्या में नरेंद्र भाटिया को शब्दों की गरिमा को फूक फूक कर इस्तेमाल करना होगा। खबर के नाम पर किसी की इज्जत का चीर हरण उचित नहीं है जिस तरह नरेंद्र भाटिया ने अपनी पुरानी की गलतियों पर पत्रकार जमात से खेद व्यक्त किया ऐसे ही असीम गोयल के खिलाफ पुलिस से मंथली मांगी गई खबर पर भी खेद व्यक्त करना चाहिए। वह एक चुने हुए नुमाइंदे हैं उनके खिलाफ झूठी व गलत खबर छापना अच्छा संदेश नहीं देता। सिटी मीडिया के संपादक नरेंद्र भाटिया को असीम गोयल से अपनी गलती माननी चाहिए और खुलकर खबर का खंडन करना चाहिए। इसके लिए अम्बाला वैब एंड इलैक्ट्रानिक्स यूनियन को भी आगे आकर सामाजिक भाईचारे को बरकरार रखते हुए असीम गोयल व नरेंद्र भाटिया के बीच झूठी खबर से बढ़ी दूरियों को खत्म करवाना चाहिए। विधायक असीम गोयल को भी बड़ा दिल दिखाते हुए नरेंद्र भाटिया को माफी देनी चाहिए। और नरेंद्र भाटिया को खुलकर असीम गोयल के पक्ष में यह लिखना चाहिए कि पुलिस से मंथली लेने की विधायक की खबर पूरी तरह सच्चाई से दूर थी इससे निश्चित तौर पर खाई भर सकती है। और इस विषय पर स्वयं वरिष्ठ पत्रकारों को भी आगे आना होगा क्योंकि कहावत है बुरा तो जब मर्जी कर लो अच्छा करके दिखाओ तो आप महान हो। और असीम गोयल को भी नरेंद्र भाटिया की गलती पर माफ कर बडप्पन दिखाना चाहिए।