कमीने तो कमीनी हरकतें करते जमाने में, लेकिन वो सबसे बड़े कमीने हैं जो कमीनों की बातों में आते हैं!
वीरेश शांडिल्य
अम्बाला (ज्योतिकण न्यूज) : आज लोग किसके बारे में किस वक्त क्या कह दें कुछ पता नहीं, कौन किसकी चुगली कर जाए यहां बेगानों से कम अपनों से ज्यादा खतरा हैं जो अपना होने का दम भरते हैं वही आपके विनाश के लिए तैयार बैठे हैं। और अपने फायदे के लिए कहीं तक भी गिरने के लिए तैयार बैठे हैं, किसी से भी दुश्मनी डलवाने के लिए तैयार बैठे हैं। समाज में ऐसे लोग बैठे हैं जो अपना उल्लू सीधा करने के लिए भाई को भाई से, दोस्त को दोस्त से जरुरत पड़ने पर पैसे के दम पर गैंगस्टरों का सहारा लेकर भी डराने का काम अब समाज में शुरु हो चुका है। और यहां तक किसी बात को सच साबित करने व आपसी भाईचारा सामाजिक भाईचारे को खंडित करने के लिए लोग अपने बच्चों की भी झूठी कसमें उठा लेते हैं। हद की बात तो यह है कि ऐसा जहर घोलने वाले लोगों को समाज समझ क्यों नहीं पा रहा। बहुत प्यारी लाईनें उनके पिता डॉ. राम मूर्ति शर्मा ने लिखी थी ‘कमीने तो कमीनी हरकतें करते जमाने में, लेकिन वो सबसे बड़े कमीने हैं जो कमीनों की बातों में आते हैं!’
ऐसे लोगों से समाज को सचेत होना होगा यह लोग विभिषण से भी ज्यादा खतरनाक हैं जो अपना उल्लू साधने के लिए गधे को बाप बना लेते हैं और बाप को गधा। जिनके लिए इंसान और इंसानियत की कोई कीमत नहीं। ऐसे लोग समाज में दीमक से भी ज्यादा खतरनाक हैं, ऐसे लोग समाज में कोरोना व एड्स से भी ज्यादा खतरनाक हैं। इसलिए समाज में कमीने लोगों की बातों में नहीं आना चाहिए, ऐसे लोग अपनी बात दूसरे तक पहुंचाकर ही अपना बड़ा फायदा उठाना चाहते हैं।