ज्योतिकण (ब्यूरो) नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सिरसा में जेजेपी (जननायक जनता पार्टी) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों के आंदोलन को जायज ठहराया है। उन्होंने कहा कि मुश्किल की इस घड़ी में सभी राजनीतिक दलों का फर्ज है कि वे कांग्रेस की तरह किसानों के साथ खड़े हों। इसलिए किसानों के साथ धोखा करने वाली सरकार से जेजेपी को फौरन समर्थन वापस लेना चाहिए। अब वक्त आ गया है जब सभी विधायकों को कुर्सी और किसान में से एक को चुनना पड़ेगा। जो किसान का नहीं है, वह किसी का नहीं हो सकता। जेजेपी भी किसान और कुर्सी में से एक को चुने।
उन्होंने मंडियों में किसानों को हो रही परेशानी के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उनका कहना है कि किसान कई हफ्तों से मंडियों में धान और दूसरी फसलें लेकर पहुंच रहे हैं लेकिन उनकी खरीद नहीं हो रही है। फसल की आवक के मुकाबले खरीद ना के बराबर है। पंजीकरण और गेट पास के नाम पर किसानों को परेशान किया जा रहा है।
हुड्डा ने कहा कि सरकार नमी का बहाना बनाकर फसल खरीदने से इनकार कर रही है। जितनी भी खरीद हो रही है, उसमें भी किसानों को एमएसपी नहीं मिल पा रहा। मजबूरी में किसान ओने-पौने दामों पर अपनी फसल निजी एजेंसी को बेच रहे हैं। यह वही निजी एजेंसियां हैं, जिनके बारे में सरकार दावा कर रही थी कि तीन नए कानून लागू होने के बाद ये एजेंसियां फसल को एमएसपी से भी ऊंचे रेट पर खरीदेंगी। लेकिन अब स्पष्ट हो गया है कि एजेंसियां सिर्फ किसानों की फसल लूटने में लगी हैं।
अनदेखी के शिकार किसानों को अपना धान 500 से 1000 रुपये कम रेट पर बेचना पड़ रहा हैं। इसी तरह मक्का किसानों को भी प्रति क्विंटल एक हजार से 12 सौ रुपये कम रेट मिल रहा है। यही हाल बाजरा और कपास का है। हुड्डा ने कहा कि प्रदेश की मंडियों में किसानों की हर फसल पिट रही है। मंडियां धान और दूसरी फसलों से पटी पड़ी है।