ज्योतिकण (ब्यूरो) सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि सार्वजनिक स्थान पर अनिश्चितकाल के लिए प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी जा सकती। सुप्रीम कोर्ट की ने यह टिप्पणी शाहीन बाग मामले में हुई अहम सुनवाई के दौरान की। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि सार्वजनिक स्थानों पर धरना प्रदर्शन करना सही नहीं है, इससे लोगों के अधिकारों का हनन होता है।
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि धरना-प्रदर्शन का अधिकार अपनी जगह है लेकिन अंग्रेजों को राज में जिस तरीके से किया जाता वह अभी करना सही नहीं है। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस पर सवाल उठाते हुए कहा कि शाहीन बाग इलाके से लोगों को हटाने के लिए कार्रवाई क्यों नहीं की गई। प्राधिकारियों को खुद कार्रवाई करनी होगी और वे अदालतों के पीछे छिप नहीं सकते।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोई भी समूह या शख्स सिर्फ विरोध प्रदर्शनों के नाम पर सार्वजनिक स्थानों पर बाधा पैदा नहीं कर सकता है और पब्लिक प्लेस को ब्लॉक नहीं किया जा सकता है। ने कहा कि कानून अपना गुस्सा जाहिर करने का हक देता है लेकिन इसे बराबर ज़िम्मेदारियों के साथ जोड़ा जाना चाहिए। अधिकारियों को इस तरह के अवरोध को हटाना चाहिए। विरोध प्रदर्शन तय जगहों पर ही होना चाहिए। बता दें कि सीएए के विरोध में शाहीन बाग पर 90 दिनों से भी ज्यादा चले विरोध प्रदर्शन के कारण लाखों लोगों को यातायात में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।