खिलाड़ियों को DSP की नौकरी पर CM मनोहर लाल की दो टूक, कहा- ‘खेलों में महारत हासिल उसी स्तर के देंगे काम’

हरियाणा में खिलाड़ियों को हरियाणा सिविल सर्विस और हरियाणा पुलिस की नौकरी देने के सिस्टम को खत्म कर चुके सीएम मनोहर लाल अपनी बात पर अभी भी कायम हैं। उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों को खेलों में महारत हासिल है तो खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देने और खेलों से जुड़ी सेवाएं ही ली जाएंगी। राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता खिलाड़ियों के लिए खेल विभाग में 550 नए पद सृजित किए गए हैं।

 हरियाणा में खिलाड़ियों को एचसीएस (हरियाणा सिविल सर्विस) और एचपीएस (हरियाणा पुलिस सर्विस) की नौकरी देने का सिस्टम खत्म कर चुके मुख्यमंत्री मनोहर लाल अपने स्टैंड पर कायम हैं। सीएम ने साफ कर दिया कि खिलाड़ियों की महारथ खेलों में है और उनसे भविष्य के लिए खिलाड़ी तैयार करने सहित खेलों से जुड़े काम ही लिए जाएंगे।

उन्होंने कहा कि अगर किसी खिलाड़ी को डीएसपी बना भी देते हैं और वह पदोन्नत होकर एसपी, डीआईजी-आईजी के पद पर पहुंच जाता है तो काम कैसे चलेगा क्योंकि ऐसे अधिकारियों पर उच्च स्तर के मामलों की जांच होती है।

HCS-HPS में नौकरी का सिस्टम किया खत्म

इनेलो और कांग्रेस की सरकारों में अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को सीधे डीएसपी लगाया जाता रहा है। मनोहर सरकार ने पहली पारी में खिलाड़ियों को सीधे एचसीएस-एचपीएस लगाने का सिस्टम खत्म करते हुए खेल नीति में बदलाव कर दिया था, जिस पर सवाल उठते रहे हैं। वर्तमान में विजेता खिलाड़ियों को सात विभागों गृह, खेल, स्कूल शिक्षा, मौलिक शिक्षा, जेल, वन एवं वन्यजीव तथा ऊर्जा विभाग में तृतीय श्रेणी पदों पर तीन प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है।

खेल विभाग ने सृजित किए 550 नए पद 

राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर के पदक विजेता खिलाड़ियों के लिए खेल विभाग में 550 नए पद सृजित किए गए हैं। क्लास वन से क्लास फोर तक के पदों की सीधी भर्ती में खिलाड़ियों को आरक्षण दिया गया है। चंडीगढ़ में गुरुवार को अपनी सरकार की नौ साल की उपलब्धियां गिनाने के बाद भविष्य की योजनाओं का रोडमैप दिखाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हरियाणा का युवा अपनी खेल प्रतिभा के दम पर न केवल देश में, अपितु अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना रहा है।

उन्होंने कहा कि युवाओं का खेलों के प्रति रुझान बढ़ा है। हाल ही में संपन्न हुए एशियाई खेलों में 40 प्रतिशत मेडल हरियाणा के खिलाड़ियों ने जीते हैं। हरियाणा की खेलों की नर्सरी के तौर पर देश-दुनिया में पहचान बनी है। हमारी सरकार ने पिछली सरकार के मुकाबले खिलाड़ियों को दी जाने वाली सम्मान राशि में भारी वृद्धि की है।

पूर्ववर्ती सरकार ने बनाए सिर्फ स्टेडियम, उन्हें भी छोड़कर गए खस्ताहाल

मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार में स्टेडियम जरूर बनाए गए थे, लेकिन न इनमें बुनियादी सुविधाएं थी और न प्रशिक्षण की व्यवस्था। हमारी खेल नीतियों का परिणाम है कि हरियाणा ने देश की झोली मेडलों से भर दी। आज पदक विजेता खिलाड़ियों को देश में सर्वाधिक नकद पुरस्कार हरियाणा में दिया जा रहा है। पदक विजेता खिलाड़ियों को 419 करोड़ रुपये के नकद पुरस्कार दिए गए हैं।

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