चंडीगढ़ स्थित पंजाब यूनिवर्सिटी (PU) में भाषा और आर्ट्स विभाग रिसर्च स्कॉलर और गेस्ट फैकल्टी के भरोसे चलाए जा रहे हैं। यहां पर रेगुलर शिक्षकों के करीब 60% तक पद खाली पड़े हैं। इसके कारण पंजाब यूनिवर्सिटी में आने वाले छात्रों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है।
यूनिवर्सिटी में नियमित शिक्षकों की 2014 से अब तक कोई भर्ती नहीं हुई है। इस कारण 2014 से अब तक जो शिक्षक रिटायर हुए हैं, उन सभी के पद खाली पड़े हुए हैं। बच्चों को पढ़ाने के लिए गेस्ट फैकल्टी या रिसर्च स्कॉलर ही लगाए गए हैं।
कॉलेजों में ढूंढने पढ़ते हैं गाइड
पंजाब यूनिवर्सिटी से PHD करने वाले छात्रों को सबसे ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कई भाषाओं के नियमित शिक्षक न होने के कारण उन्हें दूसरे कॉलेज से गाइड ढूंढने पड़ते हैं। उनके निर्देशन में ही वह अपनी PHD की डिग्री पूरी कर पाते हैं। इसके कारण उनका समय बर्बाद होता है।
पंजाब यूनिवर्सिटी में आर्थिक संकट
पिछले काफी समय से PU आर्थिक संकट से जूझ रही है। इस कारण यहां पर नियमित शिक्षकों की भर्ती नहीं हो पा रही है। इसके अलावा यूनिवर्सिटी के अंदर उपकरणों के रखरखाव में भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। नॉर्दर्न जोनल काउंसिल की बैठक में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की तरफ से केंद्र सरकार से पंजाब यूनिवgर्सिटी को 51.89 करोड़ रुपए की ग्रांट जारी करने की मांग की थी।
हरियाणा चाहता है पंजाब यूनिवर्सिटी से मान्यता
पिछले कल अमृतसर में हुई नॉर्दर्न जोनल काउंसिल की मीटिंग में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने हरियाणा के कॉलेजों को पंजाब यूनिवर्सिटी से मान्यता देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ हरियाणा और पंजाब दोनों की राजधानी है। इसलिए हरियाणा के कॉलेजों को भी पंजाब यूनिवर्सिटी से मान्यता मिलनी चाहिए।
जल्द भरे जाएंगे रिक्त पद
मामले में पंजाब यूनिवर्सिटी के रजिस्टर डॉ. वाईपी शर्मा का कहना है कि विभागों को खाली पदों की स्क्रीनिंग के लिए निर्देश दिए गए हैं। विभागों की तरफ से इसकी जानकारी प्रशासन के पास आने के बाद खाली पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। जिस विभाग में जितने भी पद खाली हैं उन सब को जल्द भर दिया जाएगा।