हरियाणा को अनिल विज जैसा गृह मंत्री नहीं मिल सकता
सम्पादकीय : हरियाणा के गृह मंत्री व अम्बाला छावनी से छठी बार विधायक बने अनिल विज ने गृह मंत्री बनकर लोगों व अधिकारियों को गृह मंत्री क्या चीज होता है इसके मायने बता दिए। हरियाणा 1966 में बना था इस हरियाणा में पंडित भगवत दयाल शर्मा से लेकर देवी लाल, बंसी लाल, भजन लाल, बनारसी दास गुप्ता, ओम प्रकाश चौटाला, हुकम सिंह, भूपेंद्र सिंह हुड्डा मुख्यमंत्री रहे और वर्तमान में मनोहर लाल खट्टर सीएम है लेकिन ऐसे काम तो गृह मंत्रालय अपने पास होते हुए उपरोक्त मुख्यमंत्री हरियाणा की जनता की भलाई के लिए नहीं कर सके जो काम सवा साल में गृह मंत्री बनकर अनिल विज ने कर दिए। अनिल विज ने यह साबित कर दिया कि यदि किसी की इच्छा शक्ति कोई काम करने की है तो उस इच्छा शक्ति को कोई खत्म नहीं कर सकता। जबसे हरियाणा में अनिल विज गृह मंत्री बने हैं तबसे हरियाणा में पुलिस की छवि लोगों में सुधरने लगी है लोग पुलिस पर विश्वास करने लगे हैं आम आदमी को यह पता चल गया कि पुलिस गृह मंत्रालय के अधीन होती है और गृह मंत्री अनिल विज है। वैसे तो पुलिस हमेशा ही गृह मंत्रालय के अधीन रही है और खास बात तो यह है कि तकरीबन गृह विभाग सीएम आप रखते हैं लेकिन उसके बावजूद भी 1966 के बाद 2019 तक हरियाणा पुलिस की छवि कोई नहीं निखार सका। जो छवि थोड़े समय में ही अनिल विज ने बना दी। अनिल विज ने पुलिस को भी मनमर्जी करनी भुला दी यहां तक या तो अपराधी व नशा तस्कर योगी आदित्य नाथ से खौफ खाते हैं या फिर हरियाणा में अपराधी अनिल विज से खौफ खाते हैं। और जो पुलिस अधिकारी झूठे मुकद्दमे दर्ज करते थे, झूठी जांच करते थे, झूठे गवाह खड़े कर अदालतों को गुमराह कर चालान पेश करते थे। अदालत का भी टाईम खराब करते थे लेकिन अनिल विज के गृह मंत्री बनते ही सबकुछ बदल गया। अब तो डीजीपी हो या एडीजीपी, आईजी हो डीआईजी, एसपी हो एएसपी, डीएसपी हो या इंस्पैक्टर, एसएचओ हो या सब इंस्पैक्टर या फिर एएसआई हो या हैड कांस्टेबल सबको पता है कि शिकायत गृह मंत्री तक पहुंची तो नपेंगे। अब तो गृह सचिव को भी पता है कि कोई भूल हुई तो सफाई नहीं चलेगी। शायद अनिल विज जैसा गृह मंत्री देश के किसी राज्य में हो। ऐसे गृह मंत्री इस के हर राज्य को चाहिए। अनिल विज एक संस्थान है, अनिल विज की सोच लोगों को जस्टिस डलीवर करने की है। तभी खाकी ही नहीं विपक्ष भी उनका लोहा मानता है।