2014 से पहले विदेशों से आती थी वैक्सीन और होते थे घपले,कोरोना वैक्सीन को लेकर अनुभव अग्रवाल यह क्या कह गये !

2014 से पहले विदेशों से आती थी वैक्सीन और होते थे घपले,कोरोना वैक्सीन को लेकर अनुभव अग्रवाल यह क्या कह गये !

अम्बाला (JYOTIKAN.COM) भारतीय जनता पार्टी के कोषाध्यक्ष अनुभव अग्रवाल ने आज जारी प्रेस ब्यान में कहा कि कोविड-19 का यह साल बड़ा ही विभिन्न रहा है इस मानवजाति के संकट के समय मे  केवल और केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही थे जिन्होंने बड़ी शिद्दत से प्रयास किए और सबसे बड़े लोकतंत्र और जनसंख्या की दृष्टि से दूसरे सबसे बड़े देश को इस संकट से निकालने के बहुत से महत्वपूर्ण निर्णय लिए और अब सबसे पहले और सस्ते टीकाकरण की शुरुआत भी 16 फ़रवरी को कर दी है। विशेष रूप से वेज्ञानिकों को भी शत शत नमन भारत पहली बार दूसरे विकसित परंतु जनसंख्या में छोटे छोटे देशों से इस संकट से निपटने में और वैक्सीन के निर्माण में अग्रणी रहा l नरेन्द्र मोदी के प्रयासो से पुणे स्थित सीरम इंस्टिट्यूट की कोवैक्सीन और हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक की कोविशिल्ड के लिए देश के टीकाकरण के लिए समझौते हुए l मोदी ने देश के टीका खरीदने के लिए ना तो फाइजर ना ही मोडेर्ना ओर ना ही स्पूतनिक- से कोई समझौता किया। हमारी भारत निर्मिति वैक्सीन के लिए विदेशों से करोड़ों रुपए के ऑर्डर आ रहे हैं l अगर 2014 से पहले के भारत की बात करें तो विदेशों से करोड़ों की वैक्सीन ख़रीदी जाती और पता नहीं कितना घपला होता। इन सब प्रयासों से मेक इन इंडिया एवं आत्म निर्भर भारत अभियान को भी मजबूती मिली है l अनुभव अग्रवाल ने कहा कि इन प्रयासो से आने वाले समय में जल्दी भारत इस कोरोना से बाहर निकलने  वाला हैं और विपक्षी लोग इस बात के लिए मोदी जी को प्रोत्साहन देने की बजाए इस टीके में राजनीति कर रहे है l 

अग्रवाल यहीं नहीं रुके उन्होंने  समाजवादी पार्टी के प्रधान अखिलेश यादव पर बोलते हुए कहा कि यादव ने यहाँ तक कहा है कि वह यह भाजपा का टीका नही लगवायेंगे l अगर वह इसको भाजपा का टीका समझतें ही हैं तो सलाह यह हैं कि अगर भाजपा का टीका लगवा लेंगे तो कोरोना से मुक्ति मिलेगी और साथ ही साथ देश के लिए सकारात्मक सोच बन जाएगी कोंग्रेस पार्टी से श्रुति चौधरी का कहना है की भला करना मोदी जी की फ़ितरत में नहीं मेरा यह भी मानना है कि प्रधानमंत्री मोदी इस किये गए सब क्रांतिकारी कार्यों में यह कार्य सबसे महत्वपूर्ण है क्योंकि किसी भी योजना का लाभ किसी वर्ग विशेष को मिलता हैं  परन्तु उनका कोरोना से निपटना ना केवल भारत के पीड़ितों के लिए अपितु संपूर्ण जगत के लिए महत्वपूर्ण  है इन सबसे पता चलता हैं कि हमारे प्रधानमंत्री एक आम व्यक्तित्व ना होकर कोई आलौकिक शक्ति है और वह हमारे देश की दवाई है जो हर बीमारी का इलाज जानते हैं 

× Chat with Us!