अंबाला। (ज्योतिकण): दैनिक ज्योतिकण अखबार शिक्षाविद विद्या वाचसपति डॉ. राममूर्ति शर्मा ने वर्ष 1975 में शुरू किया था और इस अखबार को अब उनकी तीसरी पीढ़ी चला रही है। ज्योतिकण अखबार के संस्थापक डॉ. राममूर्ति शर्मा ने इस अखबार का मालिक अपने बाद अपने बेटे वीरेश शांडिल्य को बनाया और उसके बाद लगातार दैनिक ज्योतिकण अखबार अपने कार्यालय, स्टाफ, अपनी मशीनरी, अपना कंप्युटर सेक्शन के माध्यम से छप रहा है और मेहनती हॉकर ज्योतिकण अखबार को जनता तक पहुंचाते हैं।
ज्योतिकण अखबार जहां शहर में बंटता है और दैनिक ज्योतिकण अखबार अब आधुनिक युग में ज्योतिकण की बेवसाइट पर, वाटसअप पर सैंकड़ों गु्रपों में और तमाम सोशल मीडिया साइट पर उपलब्ध है और प्रतिदिन हजारों लोग ज्योतिकण को पढ़ कर उसकी जनहित की खबरों को जन जन तक पहुंचाने का काम स्वयं करते हैं।
दैनिक ज्योतिकण अखबार हमेशा सिद्धांत पर चला है और खबर के साथ कभी समझौता नहीं किया और सरकार प्रशासन और जनता के बीच एक सेतू का काम करने का प्रयास किया और प्रशासनिक और सरकारी अन्याय होने पर ज्योतिकण अखबार ने हमेशा खुलकर लिखा उसके लिए चाहे ज्योतिकण परिवार को नुकसान भी झेलना पड़ा लेकिन ज्योतिकण अखबार अकबर इलाहाबादी इन लाइनों पर कायम है‘‘खींचो न कमानों को न तलवार निकालो, जब तोप मुकाबिल हो तो अखबार निकालो’’ ज्योतिकण अखबार के मालिक वीरेश शांडिल्य ने कहा कि जो पौधा 1975 में आज से 50 वर्ष पहले उनके पिता ने लगाया था आज वह एक बरगद का पेड़ बन चुका है और इस अखबार के माध्यम से उन्होंने समाज की कई कुरितियों को उजागर किया और बड़े बड़े ब्यूरोक्रेटस व लोगों की मनमर्जियों को सरकारी गुंडागर्दी को बेनकाब किया ठीक हरिओम पंवार की लाइनों के सिद्धांत पर ‘‘हम वो कलम नहीं जो झुक जाती हो दरबारों में, हम शब्दों की दीपशिखा हैं अंधियारों चौबारों में, हम वाणी के राजदूत हैं सच पर मरने वाले हैं, डाकू को डाकू कहने की हिम्मत रखने वाले हैं’’ और जब तक शरीर में खून की अंतिम बूंद दौड़ रही है तब तक ज्योतिकण की निष्पक्षता कायम रहेगी और जल्द ही ज्योतिकण का गोल्डन जुबली कार्यक्रम अंबाला में होगा जिसमें वरिष्ठ पत्रकार शिक्षाविद प्रशासनिक अधिकारी, उद्योग जगत के लोग शामिल होंगे।