अक्तूबर 2024 में जो नायब सैनी 2 सरकार बनी है उसमें अंबाला शहर में कुछ अलग ही हो रहा है। और हारा हुआ विधायक प्रशासन व सरकार पर लगातार प्रभाव जमाकर लोकतंत्र में गलत संदेश दे रहा है। 2024 विधानसभा चुनावों में अंबाला शहर से लोगों ने भाजपा के उम्मीदवार असीम गोयल को तीसरी बार विधानसभा नहीं भेजा और उन्हें हार का सामना करना पड़ा और अंबाला शहर से कांग्रेस उम्मीदवार विधानसभा चुनाव जीत गए और लोकतंत्र में चुनावों को सबसे बड़ा पर्व कहा गया है और चुनाव आयोग लोकतंत्र में वोट देने को लेकर लोगों में करोड़ों रूपए का प्रचार करता है और वोटिंग से 24 घंटे पहले चुनाव प्रचार बंद हो जाता है ताकि वोटर को चिंतन करने का मौका मिले कि उसने अपना वोट किसको देना है किसके हाथों में उसका भविष्य सुरक्षित है लेकिन अंबाला शहर में असीम गोयल चुनाव हारने के बाद भी मौजूदा कांग्रेस विधायक निर्मल सिंह को नीचा दिखाने का काम कर रहे हैं और हारने के लगातार बाद अपने नाम के पत्थर लगवाकर उद्घाटन कर रहे हैं जो लोकतंत्र पर प्रहार है जो लोकतंत्र की हार है अगर यही कुछ होना है तो चुनावों की जरूरत क्या थी यह नायब सैनी सरकार को सोचना होगा।
हरियाणा विधानसभा के स्पीकर को सोचना होगा और यदि मौजूदा विधायक निर्मल सिंह की कोई कीमत ही नहीं है और हारे हुए विधायक की ही चलनी है उसकी ही चापलूसी प्रशासन ने करनी है, उसी की प्रशासन ने सुननी है उसी हारे हुए पूर्व विधायक असीम गोयल के विकास कार्यों के पत्थर लगने हैं तो फिर हरियाणा के स्पीकर हरविंद्र कल्याण को निर्मल सिंह को पत्र लिख देना चाहिए कि इस सरकार में हारे हुए विधायक की ही चलेगी इसलिए निर्मल सिंह अपने घर बैठ जाए ताकि लोगों को भी पता चल जाए कि वर्तमान नायब सैनी सरकार में लोकतंत्र की कीमत नहीं बल्कि जिसे सरकार चाहेगी उसकी चलेगी चाहे वो एमएलए जीता हुआ हो या हारा हुआ हो।