अंबाला। (ज्योतिकण): वैसे तो भगवान की मर्जी के बिना पत्ता भी नहीं हिलता यह बात असीम गोयल को भी पता है और यही कारण है कि असीम गोयल को अंबाला शहर की जनता ने हराकर घर बिठा दिया है क्योंकि बड़ी प्यारी लाइनें है आवाज-ए-खलक, नक्कारे खुदा अर्थात जनता की आवाज भगवान की आवाज होती है। अंबाला शहर के पूर्व विधायक असीम गोयल हरियाणा के पहले ऐसे विधायक हैं जिसने 10 साल में जो भी प्रोजेक्ट शुरू करवाए वह कोई भी पूरा नहीं हुआ और करोड़ों खर्च हो चुके हैं और असीम गोयल के प्रोजेक्टों को जंग लगा हुआ है उसमें चाहे नौरंग राय तालाब का जीर्णोद्वार हो, अंबाला शहर का सचिवालय हो, अटल पार्कहो, महाबीर पार्कहो, बाल भवन हो ऐसे अनेकों काम जो करोड़ों लगने के बाद भी असीम गोयल के कारण जंग लग चुके हैं। आज एक नई बात सामने आई है चुनाव जीतने के लिए असीम ने कालका चौंक पर भगवान वामन द्वार बनाने की घोषणा की थी जो सौ करोड़ सनातनियों के आस्था का प्रतीक है।
और आज ज्योतिकण को वो तस्वीर मिली है जो पाठकों तक पहुंचा रहे हैं जो कालका चौंक पर भगवान वामन द्वार बनना था उस पर वामन भगवान की प्रतिमा लगनी थी लेकिन नहीं लगी और पिलरों को जंग लग गया और हारने के कुछ महीने के बाद मार्च 2025 में असीम गोयल ने अपनी इज्जत बचाने के लिए भगवान के द्वार में भी गड़बड़ी कर दी और जल्दबाजी में जो द्वार बनना था वो न बना कर भगवान वामन की फोटो के बिना ही एक बोर्ड पर अक्षरों से भगवान वामन द्वार लिखकर न केवल भगवान के आंखों में बल्कि शहर के लोगों के आंखों में धूल झोंकने का काम किया। अंबाला शहर की जनता को बेवकूफ बनाने का असीम गोयल ने अजीब पहल की जिसका जवाब सनातनियों को देना चाहिए।