जलभराव से दिक्कत, दो करोड़ खर्च पर समाधान नहीं

निगम की ओर से इस वर्ष सफाई के लिए दो करोड़ की निविदा जारी की है। निविदा जारी होने के बाद भी शहर में सफाई का काम तेजी से नहीं हो रहा। इसका कारण सरकारी विभागों में तालमेल की कमी भी है।

जनस्वास्थ्य विभाग ने भी पानी निकासी के लिए डिस्पोजल का बरसाती सीजन से कुछ दिन पहले ही उद्घाटन किया है। इस डिस्पोजल को पानी निकासी के लिए साढ़े छह करोड़ से बनाया जाना है। इसी तरह नगर निगम की ओर से सेक्टरों में टीपीएस का कार्य चल रहा है, मगर यह कार्य भी अभी अधूरा है।
जनवरी में शुरू होने वाला यह कार्य भी पूरा नहीं हुआ। प्रशासन की ओर से जलभराव से बचाव को लेकर करोड़ों का बजट खर्च किया जाता है, लेकिन उसके बाद भी कोई स्थाई समाधान नहीं किया गया है। हैरानी की बात यह है कि अभी तक इन विभागों ने शहर में कोई संयुक्त रूप से सफाई अभियान भी नहीं चलाया है
लगातार दो वर्ष से जलभराव
शहर में जलभराव के कारण हर वर्ष दिक्कत आती है। निचले क्षेत्रों में तो चार से पांच फुट पानी जमा हो जाता है। 2023 में आई बाढ़ और 2024 में हुई ज्यादा बारिश से शहर में जलभराव हो गया था। शहर में सफाई को लेकर नगर निगम, पीडब्ल्यूडी, जनस्वास्थ्य और सिंचाई विभाग का आपसी तालमेल न होने के कारण ज्यादा दिक्कत बढ़ रही है। सफाई को लेकर शहर में ज्यादा कार्य होता भी नहीं दिख रहा। ऐसे में इस बार भी शहरवासियों को जलभराव का डर सताने लगा है।
अतिक्रमण से भी बढ़ रही समस्या
शहर में अतिक्रमण होने के कारण भी सफाई कार्य प्रभावित हो रहा है। बीते माह में भी निगम ने कई जगहों पर अतिक्रमण को हटाकर सफाई अभियान चलाया था। कई जगहों तो लोगों ने नाले पर भी अतिक्रमण कर लिया। इस वजह से भी सफाई में दिक्कत आती है। सबसे ज्यादा पुरानी कॉलोनी में सफाई को लेकर समस्या सामने आई थी।
शहर में सफाई कार्य चल रहा है। वार्डों में सुपर सकर मशीन से सफाई करवाई जा रही है। सफाई को लेकर सरकारी विभागों में आपसी तालमेल की कमी है। इस वजह से यह विभाग धीमी गति से कार्य कर रहे हैं। निगम की लचर व्यवस्था के कारण सही व्यवस्था से सफाई कार्य नहीं हो पा रहा।

सैलजा सचदेवा, मेयर, नगर निगम।