जहाजों का क्रैश होना अब रिवाज तो नहीं?

गत दिनों एयर इंडिया का जहाज क्रैश हुआ जिसमें ढाई सौ से अधिक लोग मारे गए जिनमें गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री रूपाणी भी शामिल हैं और जहाज में बैठे सभी लोग जिनमें बच्चे, बूढ़े, महिलाएं, बेटी, पायलट सब सैंकड़ों में खत्म हो गए और यूं कहो एक था राजा एक थी रानी दोनों मर गए खत्म कहानी।

जहाज क्रैश हो गया मरने वाले मर गए और आज 16 जून को राजकीय सम्मान के साथ मुख्यमंत्री रूपाणी का अंतिम संस्कार कर दिया गया। देश के राजनेता सोच रहे होंगे कि कब क्या हो जाए कुछ पता नहीं सब कुछ धरा रह जाएगा क्योंकि सौ प्रतिशत नेता जहाज में ही सफर करते हैं हेलिकॉप्टर में घूमते हैं और कल तो बदरीनाथ में हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया 7 लोग मारे गए।

आखिर यह चल क्या रहा है इस बात पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिंतन करना होगा इन घटनाओं को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए। जहाज या हेलिकॉप्टर को रोड पर चलने वाले साधन नहीं माना जा सकता इससे अच्छे तो रोड पर चलने वाले साधन है ऐसे तो उनमें आग नहीं लगती, ऐसे तो वह क्रैश नहीं होते। उनसे पूछिए जिनके परिवार ही खत्म हो गए।

चलो ब्लैक बॉक्स ने बता भी दिया हादसे का कारण यह था तो भविष्य में उसका बचाव क्या है आखिर केंद्र सरकार कब जागेगी। ऐसा नहीं कि आम लोग ही विमान क्रैश में मर चुके हैं मुख्यमंत्री, राज्यपाल, सेना के अध्यक्ष सहित वीवीआईपी विमान हादसों में मारे जा चुके हैं मोदी जी को चाहिए कि वह तमाम पुराने जहाजों को रिजेक्ट करें और जहाज उड़ने से पहले 7 टायर उनकी तकनीकी चेकिंग हो और जहाज क्रैश हो जाए तो अंदर बैठी सवारियों को कैसे बचाने की पहल हो इस पर मोदी को चिंतन करना होगा।

अन्यथा इस तरह ही जहाज हेलिकॉप्टर क्रैश होते रहेंगे इस तरह निर्दोष लोग मरते रहेंगे। हमें ऐसी जहाजों में तकनीकी लानी होगी कि जहाज क्रैश न हो सके।