जिले में छह लाख 25 हजार आयुष्मान कार्ड धारकों को सरकार के आदेश से झटका लगा है। सरकार ने आयुष्मान कार्ड पर मिलने वाले इलाज से पांच श्रेणी को हटा दिया है। वहीं धरातल पर सरकारी अस्पताल में हटाई गई श्रेणी संबंधी इलाज की सुविधा ही नहीं है। अब ऐसे में मरीजों को इलाज के लिए परेशानी झेलनी पड़ेगी।
करीब एक साल से लोकनायक जयप्रकाश नागरिक अस्पताल में न्यूरोलॉजिस्ट ही नहीं। चिकित्सक के अभाव में बच्चेदानी व पित्त की थैली का दूरबीन से इलाज नहीं हो पा रहा । मरीज आयुष्मान कार्ड पर ही निजी अस्पतालों में ऑपरेशन करा रहे थे। बता दें कि आयुष्मान कार्ड के तहत जिलेभर में 40 प्राइवेट व 18 सरकारी अस्पतालों में मरीजों का इलाज हो रहा है। अब निजी अस्पतालों में जेब ढीली कर मरीजों को उपचार कराना पड़ेगा। चिकित्सक के अभाव में करोड़ों रुपये की मशीनें अस्पताल में धूल फांक रही है।
मोतियाबिंद के ऑपरेशन की सप्ताहभर की वेटिंग जिला अस्पताल में मोतियाबिंद के ऑपरेशन हो रहे हैं। नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. अनिता ही मरीजों के ऑपरेशन करती है। अस्पताल में मरीजों का दबाव रहने के कारण मरीजों को सप्ताहभर की डेट दी जा रही है। ऐसा तब है जब आयुष्मान कार्ड पर निजी अस्पतालों में मरीज ऑपरेशन करा रहे हैं। अब अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ेगी। मरीजों को ऑपरेशन के लिए डेढ़ से दो माह इंतजार करना पड़ेगा।
इधर एक ही सर्जन संभाल रहा कमान जिला अस्पताल में एक ही सर्जन है जोकि सामान्य सर्जरी करते हैं। डॉ. भूपेंद्र ने बताया कि उनके पास ऑपरेशन के लिए मरीजों को एक से डेढ़ माह तक की डेट दी गई है। पित्त की थैली व अन्य कई ओपन सर्जरी करते हैं।
बनाएंगे व्यवस्था, परेशानी होना लाजिमी : डॉ. रमेश डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. रमेश सभरवाल ने कहा कि सरकार के आदेश का पालन किया जाएगा। मरीजों को परेशानी होना लाजिमी है। जल्द ही अस्पताल में व्यवस्था बनाएंगे।