दिन में तपन, रात में बिजली कटौती से हो रही परेशानी

जून की झुलसाती दोपहरी और बिजली विभाग की लचर व्यवस्था आम जनता के लिए अभिशाप बन गई है। दिन में जहां सूरज आग उगल रहा है, वहीं रात में अघोषित बिजली कटौती लोगों की नींद और धैर्य दोनों को तोड़ रही है। सोमवार रात 10 बजे गई बिजली करीब साढ़े 1 बजे लौटी, जिससे लोग रातभर जागने को मजबूर हो गए।

हालात इतने खराब हैं कि सुबह से ही गर्म हवा के थपेड़े शुरू हो जाते हैं। तेज़ धूप और उमस के कारण लोग घरों में कैद हैं, जबकि बाजार सूने पड़े हैं। दुकानदार खाली बैठे हैं और ग्राहक नदारद हैं, जिससे व्यापार पर सीधा असर पड़ा है।

स्थानीय दुकानदार विक्की, रमेश, साहिल, संजू और गोलू बताते हैं कि वे दुकानें तो खोलते हैं, लेकिन दोपहर तक शायद ही कोई ग्राहक आता है। गर्मी और बिजली कटौती के कारण दुकान पर बैठना भी मुश्किल हो गया है। शाम को जब थोड़ी राहत की उम्मीद होती है, तब भी हालात नहीं सुधरते।

लू के थपेड़े देर शाम तक जारी रहते हैं। ऊपर से बिजली की अघोषित कटौती ने लोगों को परेशान कर रखा है। रात में अंधेरे और उमस में लोगों की नींद उड़ गई है। बुजुर्गों और छोटे बच्चों की स्थिति और भी गंभीर है। लोग मोबाइल टॉर्च और बैटरी बल्बों के सहारे रात काटने को मजबूर हैं।

स्थानीय लोगों ने प्रशासन और बिजली विभाग से मांग की है कि इस आपात स्थिति को गंभीरता से लिया जाए। गर्मी के इस चरम समय में कम से कम रात की बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जाए।

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