सिटी के 164 दुकानदारों के रजिस्ट्री आवेदन रद

मुख्यमंत्री स्वामित्व योजना में निगम के किराएदार दुकानदारों की रजिस्ट्री की जा रही है। निगम की ओर से अभी तक 199 लोगों की रजिस्ट्री की जा चुकी है।

इसके साथ ही निगम की ओर से करीब 164 आवेदन को रद भी किए गए हैं। यह दुकानदार रजिस्ट्री के लिए योग्य नहीं पाए गए। कई दुकानदारों ने निगम की दुकान के आगे ही अतिक्रमण कर लिया और नाले पर भी दुकान बना दी।

कई दुकानदारों ने दुकान के नंबर ही गलत लिख दिए। इस वजह से भी उनका आवेदन रद हो गया। वहीं, निगम की ओर से योग्य पाए गए दुकानदारों की रजिस्ट्री की जा रही है। इसको लेकर निगम डिमांड नोटिस भी जारी कर रहा है।

निगम के पास दो पॉलिसी में आवेदन

निगम उन दुकानदारों की रजिस्ट्री कर रहा है। जो दुकानदार निगम के 20 वर्ष से किराएदार हैं। निगम के पास इसमें दो पॉलिसी आई थी। इनमें एक पॉलिसी 2021 में आई थी। इस पॉलिसी के तहत 2020 तक दुकानदारों को 20 वर्ष पूरे होने चाहिए थे। दूसरी पॉलिसी 2023 में आई थी। इसके तहत 2022 तक दुकानदारों को 20 वर्ष पूरे होने चाहिए थे।

नगर निगम के दोनों पॉलिसी में पोर्टल पर कुल 438 आवेदन आए थे। इनमें से 199 दुकानदारों की रजिस्ट्री हो चुकी है। 75 आवेदन अभी रजिस्ट्री को लेकर पेंडिंग चल रहे हैं, जबकि करीब 164 लोगों के आवेदन रद किए गए हैं। 2023 में आई पॉलिसी में निगम में 17 आवेदन में से 6 ही पास हो पाए थे।

किराए के दुकानदारों को मिल रहा मालिकाना हक

नगर निगम की शहर में करीब 700 से ज्यादा दुकानें हैं। इनमें से 199 दुकानदारों को दुकान का मालिकाना हक मिल चुका है। जिन किराएदारों को निगम की दुकान को किराए पर लिए 20 वर्ष से अधिक समय हो गया है। उनको सरकार की ओर से दुकानों का मालिकाना हक दिया जा रहा है। दुकानदारों के नाम ही रजिस्ट्री की जा रही है।

नगर निगम की ओर से दुकानदारों को रजिस्ट्री करवाने के लिए डिमांड नोटिस दिए जा रहे हैं। डिमांड नोटिस के बाद पैसा जमा करवाने पर उनकी रजिस्ट्री करवाई जा रही है। कई लोगों के आवेदन भी रद हुए हैं। उनमें कई कारण शामिल हैं।
अदिति, संयुक्त आयुक्त, नगर निगम।