हाईकोर्ट चिंतित, कहा- हर दिन 10 लोगों की मौत गंभीर मामला; यात्रियों की स्थिति चिंताजनक

मुंबई की लोकल ट्रेनों में हर दिन लाखों लोग इन ट्रेनों से सफर करते हैं, लेकिन भीड़, खुली दरवाजों वाली डिब्बों और असुरक्षित ढांचे के चलते अक्सर हादसे होते रहते हैं। बॉम्बे हाईकोर्ट ने इसे गंभीरता से लिया है और मामले में रेलवे को सुझाव भी दिया है। फिलहाल इस मामले में अगली सुनवाई 14 जुलाई को होगी।

बॉम्बे हाईकोर्ट ने मुंबई लोकल ट्रेन नेटवर्क पर हो रही यात्रियों की मौतों को लेकर गहरी चिंता जताई है। कोर्ट ने इस स्थिति को ‘चिंताजनक’ बताया, खासकर तब जब हाल ही में एक भीड़भाड़ वाली लोकल ट्रेन से गिरकर पांच यात्रियों की मौत हो गई थी। कोर्ट ने सुझाव दिया कि मुंबई लोकल ट्रेनों में स्वचालित दरवाजे लगाए जाएं, ताकि लोग चलते ट्रेन से गिर न सकें। हालांकि कोर्ट ने यह भी कहा कि यह सुझाव केवल एक ‘आम नागरिक’ की नजर से दिया गया है, इस पर रेलवे विशेषज्ञों की राय ज्यादा जरूरी है। मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार अराड़े और न्यायमूर्ति संदीप मर्ने की खंडपीठ ने कहा कि इस तरह की दुखद घटनाएं दोबारा न हों, इसके लिए तुरंत जरूरी कदम उठाए जाने चाहिए।

हर दिन 10 मौतें, 2024 में 3588 लोगों की मौत
रेलवे की तरफ से दायर हलफनामे के अनुसार, केवल 2024 में 3588 लोगों की जान मुंबई की लोकल ट्रेनों में हादसों में गई है। यानी हर दिन औसतन 10 लोग अपनी जान गंवा रहे हैं। कोर्ट ने कहा, ‘यह एक बहुत ही चिंताजनक स्थिति है, भले ही आप कह रहे हैं कि पिछले वर्षों की तुलना में 49% मौतें कम हुई हैं।’

9 जून की घटना पर कोर्ट सख्त
कोर्ट ने 9 जून को हुए हादसे का विशेष रूप से जिक्र किया, जिसमें मुम्ब्रा स्टेशन के पास एक भीड़भाड़ वाली लोकल ट्रेन से गिरकर पांच यात्रियों की मौत हो गई थी और आठ लोग घायल हुए थे। कोर्ट ने कहा कि ऐसी घटनाएं दर्शाती हैं कि अभी तक उठाए गए कदम पर्याप्त नहीं हैं।

हाई कोर्ट ने क्या दिए सुझाव
लोकल ट्रेनों में स्वचालित दरवाजे लगाए जाएं ताकि लोग चलती ट्रेन से बाहर न गिरें। कोर्ट ने माना कि ये सुझाव तकनीकी विशेषज्ञों की राय के बिना लागू नहीं किए जा सकते। जनहित याचिका (पीआईएल) की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने रेलवे से कहा कि वह उठाए गए कदमों की जानकारी पेश करे। कोर्ट ने निर्देश दिया कि रेलवे जांच कमेटी की सिफारिशों को रिकॉर्ड पर लाए, और ये भी बताए कि इन सिफारिशों को कब और कैसे लागू किया जाएगा। इस मामले में अब 14 जुलाई को फिर सुनवाई होगी।

रेलवे की ओर से क्या कहा गया?
वहीं इस मामले में रेलवे ने बताया कि, मुम्ब्रा हादसे की जांच के लिए मल्टी-डिसिप्लिनरी कमेटी बनाई गई है। यह समिति कारणों की जांच कर रही है और जल्द ही सुझाव देगी। एक हाई लेवल मॉनिटरिंग कमेटी भी बनाई गई है, जो ‘शून्य मृत्यु अभियान’ पर काम कर रही है। रेल ट्रैकों के बीच दीवारें और बाड़ बनाई गई हैं ताकि लोग ट्रैक पार न करें। स्टेशनों पर भीड़ कम करने के लिए कई प्लेटफॉर्म से दुकानों को हटा दिया गया है।