घनी आबादी वाले शहरों और औद्योगिक क्षेत्रों में उभरती चुनौतियों से निपटने के लिए सीआईएसएफ ने पहल की है। सीआईएसएफ आधुनिक अग्निशामक और बचाव तकनीकों के साथ-साथ महत्वपूर्ण आपदा प्रबंधन कौशल को विकसित करने पर जोर दे रहा है।
केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ), भारत का एकमात्र केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) है, जिसके पास एक समर्पित अग्निशमन विंग है। इसी के अंतर्गत सीआईएसएफ द्वारा एक राष्ट्रव्यापी अग्निशमन प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है। सीआईएसएफ ने 22 राज्यों/यूटी के 150 शहरों में 380 फायर कर्मियों को रासायनिक युद्ध एजेंटों व जैविक खतरों से निपटने की ट्रेनिंग दी है। प्रशिक्षण पाठ्यक्रम आधुनिक अग्निशामक और बचाव तकनीकों के साथ-साथ महत्वपूर्ण आपदा प्रबंधन कौशल पर ध्यान केंद्रित करने के लिए डिजाइन किया गया है।
घनी आबादी वाले शहरों और औद्योगिक क्षेत्रों में उभरती चुनौतियों का समाधान करने पर विशेष जोर दिया जाता है। ट्रेनिंग कार्यक्रम में परिष्कृत अग्नि प्रतिक्रिया तंत्र, रासायनिक, जैविक, रेडियोलॉजिकल और परमाणु (सीबीआरएन) आपात स्थितियों के लिए तैयारी और रासायनिक युद्ध एजेंटों से निपटने जैसे उन्नत विषयों को शामिल किया गया है, जो आधुनिक खतरों की विकसित प्रकृति को दर्शाता है।
केंद्रीय गृह मंत्री की पहल पर शुरू हुई ट्रेनिंग
बता दें कि सीआईएसएफ के स्थापना दिवस 2023 के दौरान, केंद्रीय गृह मंत्री और अमित शाह ने अपने संबोधन में सीआईएसएफ को 100 भारतीय शहरों के अग्निशमन कर्मियों को प्रशिक्षित करने का विशेष दायित्व सौंपा था। इस निर्देश के बाद सीआईएसएफ ने राज्य अग्निशमन सेवा कर्मियों के कौशल को उन्नत करने के लिए एक विशेष पाठ्यक्रम तैयार किया। वर्ष 2023-24 के दौरान, हैदराबाद में सीआईएसएफ के प्रतिष्ठित अग्निशमन सेवा प्रशिक्षण संस्थान ने 11 प्रशिक्षण बैचों का आयोजन किया, जिसमें 113 शहरों के 274 अग्निशमन कर्मियों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
वर्ष 2025 में इस पहल को और गति मिली, जब पांच अतिरिक्त प्रशिक्षण बैच आवंटित किये गये। इनमें से चार पहले ही संपन्न हो चुके हैं, जिससे 10 राज्यों के 46 शहरों के 106 प्रतिभागियों को लाभ मिला है। पांचवां प्रशिक्षण सत्र आगामी 25 अगस्त, 2025 को प्रारंभ होगा। अभी तक, इस महत्वपूर्ण प्रशिक्षण अभियान के अंतर्गत 22 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के कुल 150 शहरों के 380 अग्निशामकों को सफलतापूर्वक प्रशिक्षित किया गया है। यदि राज्य अपने अग्निशामकों को पाठ्यक्रम के लिए नामांकित करने के इच्छुक हैं, तो सीआईएसएफ वर्ष 2025 के प्रशिक्षण कैलेंडर में अतिरिक्त स्लॉट को समायोजित करने के लिए भी तैयार है।
सीआईएसएफ प्रवक्ता के मुताबिक, एक समर्पित फायर विंग के साथ एकमात्र सीएपीएफ के रूप में, सीआईएसएफ अग्निशमन कर्मियों के तकनीकी कौशल को बढ़ाने और अग्नि सुरक्षा और आपदा प्रबंधन तैयारियों के लिए एक सक्रिय संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। हमारे प्रशिक्षण कार्यक्रमों को अग्नि सुरक्षा अनुसंधान और प्रथाओं में नवीनतम को प्रतिबिंबित करने के लिए लगातार अपडेट किया जाता है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि हमारे अग्निशामक न केवल समय पर आपातकालीन प्रतिक्रिया के लिए बल्कि रोकथाम के लिए भी सशक्त हैं।
हैदराबाद में एफएसटीआई एक अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस और भारत में अग्निशमन प्रशिक्षण की आधारशिला है। यह न केवल सीआईएसएफ कर्मियों को प्रशिक्षण प्रदान करता है, बल्कि विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के सदस्यों को भी उन्नत प्रशिक्षण प्रदान करता है, जो अग्नि सुरक्षा में सीआईएसएफ की अग्रणी भूमिका को रेखांकित करता है। जैसे-जैसे यह पहल वर्ष 2025 तक आगे बढ़ेगी, सीआईएसएफ का लक्ष्य राज्य अग्निशमन सेवाओं के साथ अपनी साझेदारी को और मजबूत करना है। इससे भारत की समग्र शहरी सुरक्षा और संरक्षा अवसंरचना को बढ़ाने में मदद मिलेगी, जो भारत सरकार के आपदा-प्रतिरोधी दृष्टिकोण के अनुरूप होगा तथा जीवन और संपत्ति की सुरक्षा के लिए सीआईएसएफ की अटूट प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करेगा।