चीनी नागरिकों के साथ मिलकर करते थे ठगी, ऐसे भेजते बाहर पैसा; तीन भारतीय ठग दबोचे

दिल्ली पुलिस की साइबर टीम ने चीनी नागरिकों के गिरोह के साथ मिलकर ठगी करने वाले तीन भारतीयों को गिरफ्तार किया है। ये सभी एक विशेष कॉलिंग डिवाइस के जरिए चीनी नागरिकों से जुड़े हुए थे। तीनों आरोपी राजस्थान जयपुर के रहने वाले हैं।

दक्षिण-पश्चिम जिला पुलिस की साइबर थाना पुलिस ने चीनी नागरिकों के गिरोह के साथ मिलकर भारतीयों के साथ ठगी करने वाले तीन साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। तीनों आरोपी राजस्थान जयपुर के रहने वाले हैं और टेलीग्राम के जरिए चीनी नागरिकों के गिरोह के सम्पर्क में थे। पुलिस ने आरोपियों महेंद्र सिंह राजावत, आरिफ खान और लक्ष्मी नारायण वैश्य के पास से छह मोबाइल, कॉलिंग डिवाइस और सिम कार्ड बरामद किए हैं, जिनमें आपत्तिजनक साक्ष्य मौजूद हैं।

पुलिस उपायुक्त अमित गोयल ने बताया कि साइबर थाना पुलिस को पीड़ित के. कांत ने अपने साथ हुई ठगी की शिकायत दी। अपनी शिकायत में उन्होंने बताया कि आरोपियों ने उनसे व्हाट्सएप और टेलीग्राम के माध्यम से संपर्क किया गया था। जिसके बाद उन्हें पार्ट टाइम काम का ऑफर दिया गया।

आरोपियों ने पीड़ित से होटल और रेस्तरां के लिए ऑनलाइन सकारात्मक समीक्षा पोस्ट करवाई और उसके एवज में भुगतान भी किया। आरेापियों ने उसके बाद पीड़ित को झांसे में लेकर उनके क्रेडिट स्कोर में सुधार और कल्याणकारी कार्य में उनकी भागीदारी को लेकर 15.8 लाख रुपए अपने खातों में जमा करवा लिए और उन्हें ब्लाॅक कर दिया। पीड़ित की शिकायत पर इंस्पेक्टर प्रवेश कौशिक की टीम ने केस दर्ज कर जांच शुरू की।

पीड़ित ने डिलीट किए सभी लिंक
एसआई विशाल यादव, हेडकांस्टेबल अमित और सुख लाल की टीम ने जांच के दौरान पाया कि ठगी के बाद पीड़ित ने व्हाट्सएप नंबर और धोखाधड़ी के लिंक को डिलीट कर दिया था। पुलिस टीम ने आरोपियों के लेन-देन का तकनीकी विश्लेषण किया और डाटा रिकवर किया।

जिसके बाद मिले सबूतों के बाद पुलिस ने जयपुर और अजमेर में छापेमारी शुरू की। पुलिस ने जयपुर से आरोपी महेंद्र सिंह राजावत को गिरफ्तार किया। आरोपी ने शुरूआती पूछताछ में साइबर ठगी में अपनी भूमिका होने की बात को नकारा, लेकिन गहन पूछताछ और सबूतों के बाद उसने अपनी भूमिका कबूली और अपने साथियों आरिफ खान और लक्ष्मी नारायण वैश्य के बारे में जानकारी दी।

पुलिस ने छापेमार कर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस की पूछताछ में आरोपियों के कई और साथियों की जानकारी मिली है। जिनकी तलाश में छापेमारी की जा रही है।
चीनी नागरिकों से कॉलिंग डिवाइस से सम्पर्क में थे आरोपी
पुलिस की पूछताछ में सामने आया है कि तीनों आरोपी एक विशेष कॉलिंग डिवाइस के जरिए चीनी नागरिकों के सम्पर्क में थे। आरोपी ठगी के पैसों को यूएसडीटी में बदलकर चीनी नागरिकों को भेजते थे। इसके लिए महेन्द्र अपने साथी सर्वेश की मदद लेता था। सर्वेश अभी फरार है। आरोपियों ने बताया कि वह चीनी संचालकों को रकम हस्तांतरित करने के लिए बिनेंस जैसे प्लेटफार्म का उपयोग करते थे और इस प्रक्रिया में अपना कमीशन रखा करते थे।