इस्राइल में फंसे श्रमिक, उत्तर प्रदेश में परिवारों की बढ़ी चिंता, बोले- काम से ज्यादा जरूरी है जीवन

इस्राइल-ईरान युद्ध के बीच वहां काम कर रहे भारतीय श्रमिकों के सुरक्षित वापसी को लेकर परिजन चिंतित हैं। लखनऊ, रायबरेली समेत कई जिलों से गए कामगार उड़ानें बंद होने के कारण लौट नहीं पा रहे हैं। हालांकि भारत सरकार हालात पर नजर बनाए हुए है।

इस्राइल और ईरान के बीच युद्ध ने लखनऊ में बहुत से परिवारों की चिंता बढ़ा दी है। इन परिवारों के युवा इस्राइल में कामगार के रूप में सेवाएं दे रहे हैं। परिवार चाहता है कि ये जल्द से जल्द घर वापस आ जाएं, लेकिन उड़ानें बंद होने के कारण युवा वहां फंसे हुए हैं।

लखनऊ बीकेटी के रहने वाले अजय चौहान ने बताया कि भाई हरित चौहान बीते एक साल से इस्राइल में हैं। वह घर आना चाहते हैं, लेकिन अभी फ्लाइट का कोई विकल्प नहीं है। रायबरेली के राजेश कुमार भी इस्राइल में कामगार हैं। उनकी माता सावित्री ने बताया कि घर में छोटे-छोटे बच्चे व अन्य सदस्य हैं। काम से भी ज्यादा जरूरी है जीवन। बेटे से जब बात होती है तो वो सब कुछ ठीक और सुरक्षित होने की देता है, लेकिन इसके बावजूद चिंता बनी रहती है।

सेवायोजन विभाग का कहना है कि इस्राइल में पांच हजार से अधिक भारतीय श्रमिक सेवा दे रहे हैं। इतनी ही संख्या में भविष्य में और भेजने की तैयारी है। अधिकारियों ने बताया कि ईरान और इस्राइल के बीच हो रहे हमले की वजह से भारतीय श्रमिकों पर किसी तरह का खतरा नहीं है। सभी सुरक्षित हैं। भारत सरकार हालात पर नजर रखे हुए है। स्थिति बिगड़ी तो श्रमिकों को वापस बुला लिया जाएगा।