महाराष्ट्र के पुणे में पुल ढहने की घटना को लेकर महाराष्ट्र सरकार के पूर्व मंत्री रवींद्र चव्हाण ने कहा, निर्माणकार्य में देरी की जांच होनी चाहिए। भाजपा नेता ने यह टिप्पणी पुणे के मावल तहसील में इंद्रायणी नदी पर 35 साल पुराने पुल के ढहने की घटना के दो दिन बाद की है।
महाराष्ट्र में भाजपा नेता ने नए पुल के निर्माण में कथित देरी पर जांच की मांग की है। राज्य सरकार के पूर्व मंत्री रवींद्र चव्हाण ने कहा, पिछले साल 8 करोड़ रुपये मंजूर होने के बावजूद पुणे में इंद्रायणी नदी पर नए पुल का निर्माण क्यों शुरू नहीं हुआ, ये जांच का विषय है। बता दें कि रविवार दोपहर को कुंदमाला इलाके में ढहा पुल 1993 में बना था। ये इस्तेमाल के लायक नहीं था, लेकिन पुल के पास लगे चेतावनी बोर्ड को नजरअंदाज कर 100 से ज्यादा लोग पुल पर चढ़ गए।
मुंबई स्थित भाजपा मुख्यालय में पत्रकारों से बात करते हुए चव्हाण ने कहा, पिछली सरकार (महायुति) के दौरान उन्होंने अक्तूबर, 2024 में खुद एक नया पुल बनाने के लिए करीब 8 करोड़ रुपये मंजूर किए थे। बता दें कि रवींद्र लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) मंत्री थे।
जानबूझकर देरी करने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई होगी
रवींद्र चव्हाण ने कहा, मौजूदा पुल पुराना और असुरक्षित था। उन्होंने कहा, ‘मैंने पीडब्ल्यूडी मंत्री शिवेंद्रराजे भोसले और अन्य अधिकारियों से बात कर इस दुर्घटना की जांच कराने का अनुरोध किया है।’ उन्होंने कहा कि फंड को मंजूरी मिलने के बाद भी पुल निर्माण कार्य क्यों नहीं शुरू किया गया। इससे जुड़े मुद्दों की जांच की जाएगी। अगर कोई अधिकारी जानबूझकर देरी के लिए जिम्मेदार पाया जाता है, तो कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने पुल ढहने को लेकर रवींद्र चव्हाण और महायुति सरकार पर निशाना साधा था।
पुल निर्माण को लेकर लग रहे गंभीर आरोप
चव्हाण के बयान से पहले पुणे के कलेक्टर जितेंद्र डूडी ने सोमवार को कहा था कि ढह चुके पुल के स्थान पर नए पुल के निर्माण के लिए कुछ महीने पहले निविदा जारी की गई थी। कार्य आदेश एक सप्ताह पहले जारी किया गया था। कार्य आदेश के बाद काम शुरू होने में 15 दिन लगते हैं, निर्माण जल्द ही शुरू हो जाएगा। इस मामले में पुणे के सामाजिक कार्यकर्ता विजय कुंभार ने दावा किया कि कार्य आदेश पर तारीख हाथ से लिखी गई। जो संदेह पैदा करती है। उन्होंने आरोप लगाया, इस तरह के घातक हादसे के बाद, इस बात की संभावना है कि जान बचाने के लिए पिछली तारीख का कार्य आदेश दिखाया गया है।
महायुति सरकार के मंत्री का बयान
इस हादसे को लेकर महाराष्ट्र के वर्तमान आपदा प्रबंधन मंत्री गिरीश महाजन ने पहले कहा था कि बड़ी संख्या में पर्यटकों के वजन के कारण पुल ढह गया। महाजन ने कहा, पुल केवल पैदल चलने वालों के लिए था और वहां एक चेतावनी बोर्ड भी लगा था। इस पर लिखा है कि पुल का इस्तेमाल दोपहिया वाहनों के लिए नहीं किया जा सकता। ऐसा लगता है कि पुल पर मौजूद लोगों ने इन निर्देशों पर ध्यान नहीं दिया, जिसके कारण यह घटना हुई।
हादसे के बाद पीएम मोदी ने सीएम फडणवीस से मांगी जानकारी
बता दें कि महाराष्ट्र के पुणे जिले में इंद्रायणी नदी पर पुल ढहने से हुए हादसे में चार लोगों की मौत हुई। 50 से अधिक लोग घायल भी हुए। दुर्घटना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से बात कर जानकारी ली। पुणे जिले के तालेगांव के पास हुए इस हादसे को लेकर पुणे के जिला कलेक्टर जितेंद्र डूडी ने बताया था कि पिछले कुछ दिनों से इलाके में भारी बारिश हो रही है, जिससे इंद्रायणी नदी उफान पर है। लोग अक्सर इस स्थान पर पिकनिक मनाने आते हैं। सरकार पुल के ढहने और बह जाने के समय उस पर मौजूद लोगों की सही संख्या का आकलन कर रही है।