सिरसा से छात्रा के परिजनों ने आरोप लगाया कि उनकी बेटी को फाइनल एग्जाम देने से रोका जा रहा है और उसे जबरन कमरे में बंद रखा गया है। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची। दरअसल मामला छात्रों की मांगों को लेकर है जिसके लिए एग्जाम का बहिष्कार किया जा रहा है।
बावल के कृषि महाविद्यालय में सोमवार को एक नया विवाद सामने आया। सिरसा से आए छात्रा के परिजनों ने आरोप लगाया कि उनकी बेटी को फाइनल एग्जाम देने से रोका जा रहा है और उसे जबरन कमरे में बंद रखा गया है। परिजन दिलीप कुमार ने बताया कि उनकी बेटी द्वितीय वर्ष की छात्रा है और उसका फाइनल एग्जाम चल रहा है।
उन्होंने दावा किया कि कुछ शरारती तत्वों ने उनकी बेटी को बंधक बनाया और इसकी वीडियो उनके पास मौजूद है। दिलीप ने प्रशासन से मांग की कि जो छात्र एग्जाम देना चाहते हैं, उन्हें परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दी जाए, क्योंकि यह उनके भविष्य का सवाल है। सूचना मिलने पर महिला पुलिस की एक टीम महाविद्यालय पहुंची और मामले की जांच शुरू की। जांच के दौरान छात्राओं ने एकजुट होकर कहा कि वे एग्जाम नहीं देना चाहतीं, जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं। इस दौरान छात्रों ने छात्र एकता जिंदाबाद के नारे भी लगाए।
पुलिस ने दोबारा पूछा कि क्या वे एग्जाम देना चाहती हैं, तो छात्राओं ने एक स्वर में कहा कि मांगें पूरी ना होने तक वे परीक्षा में शामिल नहीं होंगी। इसके बाद पुलिस टीम वहां से वापस लौट गई।