केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री की अहम बैठक; डीएनए नमूने एकत्र करने का काम जारी

केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू किंजरापु आज सुबह 10:30 बजे मंत्रालय कार्यालय में हवाई सुरक्षा पर एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करेंगे। इस बीच अहमदाबाद से घटनास्थल का एक वीडियो भी सामने आया, जहां 12 जून को 242 यात्रियों (चालक दल के सदस्यों सहित) को ले जा रहा AI-171 विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। विमान में सवार 242 में से 241 लोगों की इस हादसे में मृत्यु हो गई।

महादेव पवार और आशा एम पवार उन 241 यात्रियों में शामिल थे, जिन्होंने अपनी जान गंवाई। उनके बेटे रमेश महादेव पवार ने कहा कि मेरे माता-पिता उस विमान में यात्रा कर रहे थे। हमने उन्हें एयरपोर्ट पर छोड़ा। हमने उनसे वीडियो कॉल के जरिए संपर्क भी किया। बाद में जब हम घर आए, तो हमें यह खबर मिली। हम फिर एयरपोर्ट गए, जहां हमें पता चला कि सभी को सिविल अस्पताल ले जाया गया है। फिर हम सिविल अस्पताल गए।

विमान के मलबे का निरीक्षण कर रहीं टीमें
एनएसजी, एनडीआरएफ, वायुसेना, एफएसएल, अग्निशमन बचाव बल, एएआईबी, डीजीसीए और सीआईएसएफ की टीमें अहमदाबाद में डॉक्टरों के छात्रावास की छत पर दुर्घटनाग्रस्त हुए एयर इंडिया के लंदन जाने वाले विमान के मलबे का निरीक्षण कर रही हैं।

प्रोफेसर ने दुर्घटनाग्रस्त विमान के सह-पायलट को याद किया
एयर इंडिया की अहमदाबाद-लंदन उड़ान के सह-पायलट क्लाइव कुंदर की एक प्रोफेसर ने अपने प्रतिभाशाली और अनुशासित छात्र को याद करते हुए कहा, ‘मेरे लिए इस खबर को सच मानना बहुत मुश्किल है।’ प्रोफेसर उर्वशी ने मुंबई के विल्सन कॉलेज में कक्षा 11 और 12 में कुंदर को भौतिकी पढ़ाई थी। उन्होंने कहा, ‘क्लाइव बहुत ही प्रतिभाशाली छात्र था, बहुत अनुशासित, बहुत समयनिष्ठ, बुद्धिमान… उसका काम बहुत साफ-सुथरा, बहुत व्यवस्थित था, जो उसे अनुशासित स्वभाव के कारण सफल पायलट बनाता है।’

1993 में इंडियन एयरलाइंस के विमान हादसे में जीवित बचे व्यक्ति ने हादसे को याद किया
अहमदाबाद में एयर इंडिया के विमान हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है, वहीं महाराष्ट्र के परभणी के एक निवासी ने 32 साल पहले हुए एक अन्य विमान हादसे को याद किया, जिसमें 55 लोगों की जान चली गई थी। परभणी के पूर्व मेयर वसंत चव्हाण ने शुक्रवार को एक समाचार चैनल से कहा कि वह इस हादसे में इसलिए बच गए, क्योंकि वह कॉकपिट के पास बैठे थे, न कि पीछे वाले हिस्से में, जहां ईंधन टैंक था। वे 26 अप्रैल, 1993 को औरंगाबाद जिले (अब छत्रपति संभाजीनगर) के चिकलथाना हवाई अड्डे से उड़ान भरने वाले दुर्भाग्यपूर्ण इंडियन एयरलाइंस के विमान में सवार थे। हालांकि, औरंगाबाद-मुंबई उड़ान 491 का लैंडिंग गियर रनवे के अंत में सड़क पर एक ट्रक से टकरा गया, जब वह उड़ान भर रहा था और फिर एक खेत में दुर्घटनाग्रस्त होकर गिरने से पहले हाई-टेंशन बिजली की तारों से टकरा गया, जिससे तीन टुकड़े हो गए और उसमें आग लग गई। विमान में सवार 112 यात्रियों में से 55 की मौत हो गई।

प्रत्यक्षदर्शी मोहन बहादुर क्षत्रिय ने कहा कि मेरा घर दुर्घटनास्थल से 500 मीटर दूर है। मैंने एक जोरदार धमाका सुना। पहले तो मुझे लगा कि यह कोई बहुत बड़ा तूफान है या भूकंप… लोग चिल्ला रहे थे कि विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया है। जब मैंने जाकर देखा तो हर जगह धुआं था। चारों तरफ आग लगी हुई थी। हम मेस के पास गए जहां छात्र मदद के लिए चिल्ला रहे थे। सेना के जवानों के साथ मिलकर हमने मलबे से पांच छात्रों को जिंदा निकाला। लेकिन उनकी हालत बहुत गंभीर थी। फिर हमें लगा कि नीचे मलबे में कोई फंसा हो सकता है। हमें एक शव बहुत बुरी हालत में मिला।

संजय राउत ने उठाए सवाल
शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने कहा, ‘मैं कोई विशेषज्ञ नहीं हूं, लेकिन अहमदाबाद में उड़ान भरने के 30 सेकंड के भीतर दुर्घटनाग्रस्त हुए एयर इंडिया के विमान मामले ने गंभीर सवाल खड़े किए हैं। क्या किसी दुश्मन देश द्वारा विमान के सिस्टम पर कोई साइबर हमला किया गया था, क्योंकि वे अपने साइबर हमलों से हमारे सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने की कोशिश करते हैं? जब यह बोइंग डील हुई थी, तब भाजपा इसके खिलाफ थी और उस समय प्रफुल पटेल नागरिक उड्डयन मंत्री थे। लोग अब हवाई यात्रा करने से डरते हैं। विमानन क्षेत्र के लिए रखरखाव महत्वपूर्ण है। अहमदाबाद के रखरखाव का ठेका किसके पास है? इसके लिए अहमदाबाद को ही क्यों चुना गया? अहमदाबाद हवाई अड्डे से उड़ान भरने वाली फ्लाइट के साथ दुर्घटना क्यों हुई? विमान के मलबे पर जिस तरह से मंत्री व्यवहार कर रहे थे, वह वाकई दुखद है।’

दोपहर 1.30 बजे मंत्रालय की प्रेस कॉन्फ्रेंस
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय दोपहर 1.30 बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगा और मीडिया को हादसे के बारे में जानकारी देगा।

उच्च स्तरीय बहु-विषयक समिति का गठन
इससे पहले सरकार ने 12 जून को अहमदाबाद से गैटविक एयरपोर्ट (लंदन) के लिए एयर इंडिया की उड़ान AI-171 के दुर्घटनाग्रस्त होने के कारणों की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय बहु-विषयक समिति का गठन किया है, जिसमें 241 लोग मारे गए थे। समिति मौजूदा मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) और ऐसी घटनाओं को रोकने और संभालने के लिए जारी दिशा-निर्देशों की जांच करेगी और भविष्य में ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए व्यापक दिशा-निर्देश सुझाएगी। समिति की अध्यक्षता गृह सचिव करेंगे और इसमें नागरिक उड्डयन मंत्रालय, भारतीय वायु सेना और विमानन विशेषज्ञों के प्रतिनिधि शामिल होंगे।

पीड़ितों की पहचान के लिए डीएनए नमूने एकत्र करने का काम जारी
अहमदाबाद विमान दुर्घटना के पीड़ितों के परिवार के सदस्यों से डीएनए नमूने एकत्र करने का काम शनिवार को भी जारी रहा, ताकि शवों की पहचान में मदद मिल सके। कई लोग अपने नमूने देने के लिए अहमदाबाद के बीजे मेडिकल कॉलेज पहुंचे। पहचान के इस बड़े प्रयास में 250 से अधिक लोगों के नमूने पहले ही एकत्र किए जा चुके हैं। पीड़ितों की पहचान पूरी तरह से डीएनए परिणामों पर निर्भर करती है, क्योंकि शव पहचान से परे जल चुके थे।