हिंदू धर्म में बिल्ली को अलक्ष्मी और राहु से जोड़ कर देखा जाता है। इस वजह से जब कभी कोई शुभ काम के लिए जा रहा होता है तो कहीं पर भी बिल्ली रास्ते काटती तो उसे बेहद अपशकुन माना जाता है। कहा जाता है कि बिल्ली रास्ता काट दी है अब बनता काम भी बिगड़ा जाएगा। ऐसी मान्यताओं के कारण काफी लोग बिल्ली के रास्ता काटने पर आगे नहीं बढ़ते और थोड़ी देर वहीं रुककर किसी को पहले आगे जाने देते हैं। इसी को लेकर अब राधा वल्लभ संप्रदाय से आने वाले प्रेमानंद महाराज ने बात की है और लोगों को इसकी सच्चाई बताई है।
प्रेमानंद महाराज ने क्या कहा?
अपने प्रवचन के दौरान प्रेमानंद महाराज ने कहा कि लोग अक्सर बिल्ली रास्ता काटने को लेकर सतर्क रहते हैं लेकिन हम इन बातों को नहीं मानते कि बिल्ली ने रास्ता काट दिया या हम चले किसी ने छींक दिया या किसी ने नजर लगा दी। कुछ नहीं, कुछ नहीं होगा। हम कहते हैं कि तुम 100-200 बिल्लियां निकाल दो कोई फर्क नहीं पड़ेगा। ये सब फालतू की बातों में ध्यान नहीं लगाना चाहिए। अब अगर कोई खाली बाल्टी लेकर जा रहा है और किसी ने जाते समय उसे देख लिया तो उससे लड़ाई करेगा कि काम से जा रहे थे खाली बाल्टी देख ली अब अमंगल होगा।
‘अमंगल हारी हैं भगवान हैं’
आगे प्रेमानंद महाराज ने कहा कि अमंगल तो तू अभी कर रहा है। ये सब बकवास बातें हैं। राधा-राधा जपो कोई अमंगल नहीं होगा। मंगल भवन हैं भगवान, अमंगल हारी हैं भगवान हैं तो किसी की नजर नहीं लगेगी। जब ऊपर वाले की नजर है तो किसी की नजर क्या बिगाड़ सकती है। अब अगर ऊपरवाले की नजर टेढ़ी है तो किसी नजर क्या हमें बचा लेगी। इसलिए हमें ऊपरवाले की नजर पर ध्यान रखना है जो सबको देख रहा है।
किनके लिए कहे गए हैं ये लोक मान्यताएं?
आगे उन्होंने कहा कि जब किसी काम के लिए चलो तो भगवान का स्मरण करो, नाम जप करो। आप नाम जप करो और काम के लिए निकलो रास्ते में बिल्ली रास्ता काट जाए और अमंगल हो जाए तो हमें बताना। कोई छींक दे तो नाम जप करो कोई अमंगल हो जाए तो कहना। जहां जो अमंगल कहे गए हैं वह भगवान के विमुखजनों के लिए कहे गए हैं। जो भगवान का सुमिरन करते हैं उनके लिए कोई अमंगल नहीं है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। ज्योतिकण एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)