परिवहन मंत्री अनिल विज ने EV गाड़ियों की टेस्ट ड्राइव ली

परिवहन मंत्री अनिल विज ने EV गाड़ियों की टेस्ट ड्राइव ली: हरियाणा सरकार प्रदूषण कम करने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देगी। परिवहन मंत्री अनिल विज ने ईवी निर्माताओं से चार्जिंग ढांचे के विकास के लिए सुझाव मांगे हैं। सरकार सड़कों और राजमार्गों पर चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने की योजना बना रही है। केंद्र सरकार ने सड़क सुरक्षा के लिए हरियाणा को 150 करोड़ रुपये दिए हैं जिनका उपयोग दुर्घटनाओं को रोकने में किया जाएगा।

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हरियाणा में प्रदूषण से मुक्ति के लिए प्रदेश सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को प्रोत्साहित करेगी। परिवहन मंत्री अनिल विज ने मंगलवार को इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनियों के साथ बैठक में फुल पैकेज स्कीम पर सुझाव मांगते हुए कहा कि चार्जिंग की समस्या से निपटने के लिए जल्द ही ढांचा खड़ा किया जाएगा।

विज ने कहा कि यदि ईवी कंपनियां वाहनों की बिक्री और अवसंरचना को स्थापित करने के लिए किसी भी प्रकार की कोई योजना बनाने का सुझाव देती हैं तो सरकार उस पर विचार करके अमलीजामा पहनाएगी।

महिंद्रा एंड महिंद्रा, टाटा मोटर्स, हुंडई मोटर्स, एमजी मोटर्स और कीया मोटर्स के प्रतिनिधियों के साथ बैठक में विज ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए सड़काें, राष्ट्रीय राजमार्गाें और राज्य राजमार्गों पर पर्याप्त संख्या में चार्जिंग स्टेशन होने चाहिए।

बैठक के बाद विज ने महिंद्रा एंड महिंद्रा कंपनी की बीई-6, टाटा की हैरियर-ईवी, एमजी मोटर्स की एम-9, हुंडई क्रेटा ईवी की टेस्ट ड्राइव की। फिर कीया ईवी-6 कार में बैठें और इन कारों के फीचर की जानकारी ली। टाटा मोटर्स के यश सहगल, हुंडई के अनिमेश कुमार, महिंद्रा एंड महिंद्रा के रोबिन कुमार दास और पामेला टिक्कू, एमजी की तरफ से अभिषेक मिश्रा और वरुण सूद तथा कीया की तरफ से कपिल बिंदल ने अपने वाहनों की खूबियां बताईं।

सड़क सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने और यातायात नियमों के प्रभावी प्रवर्तन के लिए केंद्र सरकार की ‘पूंजीगत निवेश हेतु राज्यों को विशेष सहायता योजना’ के अंतर्गत हरियाणा को 150 करोड़ रुपये मिलेंगे। मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने समीक्षा बैठक में कहा कि इस राशि का उपयोग दुर्घटनाओं को रोकने हेतु ठोस उपायों के लिए किया जाएगा।

इनमें चिन्हित स्थानों पर इलेक्ट्रानिक एनफोर्समेंट डिवाइस की स्थापना, इन उपकरणों को ट्रैफिक कंट्रोल रूम से जोड़ना, इलेक्ट्रानिक सिस्टम से ई-चालानों का सृजन, ई-चालानों का त्वरित निपटान तथा राज्य राजमार्गों और प्रमुख जिला सड़कों पर मृत्यु दर में कमी लाना शामिल है।