संदीप सचदेवा ने असीम गोयल के मुकाबले अपनी लकीर जनता में लंबी की: वैसे तो राजनीति का खेल बहुत गंदा है क्योंकि वर्तमान राजनीति नर सेवा नारायण सेवा के सिद्धांत पर नहीं बल्कि राम नाम की लूट समझ कर की जाती है कि एमएलए बनो मंत्री बनो और सात पुश्तों का जुगाड़ कर लो।
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असीम गोयल यह भूल गया कि लोकतंत्र में जनता भगवान होती है
हालांकि अंबाला जिला में अंबाला छावनी के सातवीं बार विधायक अनिल विज 1990 से आज तक नर सेवा नारायण सेवा के सिद्धांत पर ही राजनीति कर रहे हैं लेकिन अंबाला शहर जो उनके विधानसभा क्षेत्र से दो किलोमीटर की दूरी पर है
वहां राजनीति के मायने ही पैसा कमाना हो गया है राज करो फूट डालो और लूट लो इस सिद्धांत पर अंबाला शहर की राजनीति चल रही है लेकिन फरवरी 2025 में अंबाला शहर की राजनीति में एक बदलाव आया और भारतीय जनता पार्टी ने जमीनी भाजपा नेता संदीप सचदेवा की पत्नी सैलजा सचदेवा को भाजपा का मेयर टिकट दिया और ऐसे वक्त में सैलजा सचदेवा को टिकट मिला जब अंबाला में लोकसभा व शहर विधानसभा की दोनों सीटें भाजपा हार गई
लेकिन जैसे ही संदीप सचदेवा की पत्नी का टिकट फाइनल हुआ तो मानों एक लहर एक आंदोलन अंबाला में खड़ा हो गया हो और 36 बिरादरी सैलजा सचदेवा के साथ लग गई और एकतरफा जीत भाजपा ने प्राप्त की और सैलजा सचदेवा अंबाला शहर की पहली भाजपा मेयर बन गई।
और उसके बाद देखते ही देखते सैलजा दंपत्ति अंबाला की जनता के दिलों पर राज करने लग गए हालांकि पूर्व मंत्री असीम गोयल ने संदीप सचदेवा व उनकी मेयर पत्नी सैलजा सचदेवा को नीचा दिखाने में कोई कसर नहंी छोड़ी लेकिन सचदेवा दंपत्ति विचलित नहंी हुए और उन्होंने असीम गोयल व टीम असीम की लकीर मिटाने की जरूरत नहीं समझी और मात्र 5 महीनों में ही संदीप सचदेवा ने अपनी लकीर अंबाला की जनता के दिलों व नजरों में इतनी लंबी कर दी कि सचदेवा दंपत्ति को नीचा दिखाने वाले अब ट्रोमा में हैं।