हिन्दुस्तान को उधम सिंह जैसे शूरवीरों की जरूरत: वीरेश शांडिल्य: एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया केराष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेश शांडिल्य ने जलियावाला बाग के नरसंहार के दोषी जरनल डायर को मौत के घाट उतारने वाले शहीदे-ए-आजम उधम सिंह की प्रतिमा जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी व सलाम किया
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अंबाला। (ज्योतिकण): आज देश के 140 करोड़ लोग अगर आजादी की हवा में सांस ले रहे हैं और तिरंगा हाथ में उठाकर भारत माता की जय बोल रहे हैं तो उसका कारण उधम सिंह जैसे शूरवीर हैं जिन्होंने अपनी शहादत देकर हिन्दुस्तान को आजादी दिलााई उपरोक्त शब्द एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेश शांडिल्य ने शहीदे-ए-आजम उधम सिंह की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद पत्रकारों को कहे। इस मौके पर सुरेंद्र पाल केके, गोल्डी पाहवा, संजीव सेठ, मोहन धीमान, महेंद्र पाल भी मौजूद थे।
एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेश शांडिल्य ने आज उधम सिंह की शहादत पर उन्हें सलाम किया और शपथ ली जब तक उनके शरीर में खून का अंतिम कतरा दौड़ रहा है तब तक वह देश में पाक आतंकवाद सहित बब्बर खालसा के आतंकवादियों व खालिस्तानी मुहिम के खिलाफ अपना आंदोलन जारी रखेगें। वीरेश शांडिल्य ने कहा कि अगर हिन्दुस्तान से आतंकवाद का समूल नाश करना है और पहलगांव जैसी आतंकी घटनाएं न हो तो इस देश को उधम सिंह जैसे शूरवीरों की जरूरत हमेशा रहेगी।
एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष व आतंकवाद के खिलाफ आर पार की लड़ाई लड़ने वाले वीरेश शांडिल्य ने कहा कि अगर हिन्दुस्तान से आतंकवाद खत्म करना है और खालिस्तानियों को मुंहतोड़ जवाब देना है तो हमें उधम सिंह की तरह सोच व जजबा बनाना होगा।
एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेश शांडिल्य ने कहा कि आज देश की युवाओं को उन ताकतों के खिलाफ जन आंदोलन तैयार करना होगा तो ताकतें देश को खंडित कर रही हैं उसमें चाहे नशा हो या खालिस्तानी मुहिम या फिर देशद्रोही ताकतें इन सब से निपटने के लिए हमें उधम सिंह की सोच पर ताल से ताल मिलाकर चलना होगा।
वीरेश शांडिल्य ने कहा कि देश में खालिस्तानी मुहिम के खिलाफ हमेशा मोदी व अमित शाह के साथ खड़े हैं वहीं वीरेश शांडिल्य ने एक बार फिर दोहराया कि जिन शहीदों की बदौलत इस देश को आजादी मिली, भारतीय तिरंगा मिला और संविधान मिला उन शहीदों का इतिहास निरंतर स्कूलों में पढ़ाया जा सके ताकि देश की युवा पीढ़ी को पता चल सके कि भगत सिंह, राजगुरू, सुखदेव, उधम सिंह, करताद सराबा, खुदीराम बोस, मदन लाल ढींगरा, असफाक उल्ला खान ने फांसी के फंदे चूमे। वीरेश शांडिल्य ने केंद्र सरकार से मांग की है कि आजादी की लड़ाई में अपनी शहादत देने वाले हर शूरवीर की गाथा का म्यूजियम हर राज्य में स्थापित किया जाए।