असीम गोयल यह भूल गया कि लोकतंत्र में जनता भगवान होती है: जो ईमानदार राजनेता होता है वह तो जनता में भगवान देखता है और अच्छा नेता जनता की सेवा को नर सेवा नारायण सेवा मानता है’’
अंबाला। (ज्योतिकण): राजनीति में आसमान की बुलंदी को छूने का पैमाना जनता होती है, लोकतंत्र में जनता भगवान होती है, लोकतंत्र में जनता ही फैसला लेती है किसको अर्श पर बैठाना है किसको फर्श पर।
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इसलिए आज जो पूर्व मंत्री असीम गोयल ने मुख्यमंत्री नायब सैनी, बिजली परिवहन एवं ऊर्जा मंत्री अनिल विज, मंत्री श्रुति चौधरी, मंत्री राजेश नागर, हरियाणा भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बडौली की मौजूदगी में लच्छेदार भाषण दिया जिसका शीर्षक है ‘‘भले ही मेरा पद चला गया पर नायब सैनी ने मेरा कद कम नहीं होने दिया’’ नायब सैनी दूसरे जिला के मुख्यमंत्री बने हैं और मुख्यमंत्री बनने का कारण नायब सैनी का सारे जानते हैं नायब सैनी चाहे मंत्री रहा, सांसद रहा, भाजपा का प्रदेशाध्यक्ष रहा, मुख्यमंत्री बना उसने कभी जमीन से पैर को नहीं हटाया भले की उसका एक पैर आसमान की बुलंदी पर लग गया हो लेकिन नायब सैनी ने दूसरा पैर हमेशा जमीन पर बनाए रखा।
नायब सैनी को बहुत अच्छी तरह पता है कि लोकतंत्र में जनता की क्या ताकत होती है। असीम गोयल मुख्यमंत्री के मंच पर तीज के त्यौहार पर अपना गुणगान करने आए हुए लगते थे और यह गुणगान कर अधिकारियों को संदेश दे रहे थे कि भले ही मेरा पद चला गया पर नायब सैनी ने मेरा कद कम नहीं होने दिया। भगवान कब जमीन पर और कब आसमान पर बिठा देता है कुछ पता नहीं इसलिए इंसान को अपनी औकात नहीं छोड़नी चाहिए। बड़ा प्यारा भजन है ‘‘चंगे चाहे माड़े, हालात विच रखीं, सानू साड़े मालका औकात विच रखीं’’।
राजनीति में कोई किसी का कद बड़ा नहीं करता, राजनीति में जनता ही भगवान होती है वह कब किसको नीचे गिरे दे कुछ पता नहीं इसलिए असीम गोयल मुख्यमंत्री के मंच को अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए इस्तेमाल न करें। आज मुख्यमंत्री अंबाला थे राजस्तरीय तीज उत्सव था इसलिए असीम गोयल मुख्यमंत्री नायब सैनी के मंच पर इस तरह के ब्यान देकर जनता या अधिकारियों को गुमराह नहीं कर सकते उनका पद अगर आज नहीं है तो उसमें न तो भाजपा की गलती है न मुख्यमंत्री नायब सैनी की गलती है न भाजपा के निष्ठावान कार्यकर्ताओं की गलती है अगर असीम गोयल आज अंबाला शहर के तीसरी बार विधायक नहीं है तो उसका कारण असीम गोयल का अहंकार व तानाशाही है और जनता लोकतंत्र में किसी तानाशाही को बर्दास्त नहीं करती।
असीम गोयल यह समझ लें कि वह एमएलए नहीं हैं अंबाला शहर का एमएलए जनता ने निर्मल सिंह को बनाया है और जनता की वोट ही असीम गोयल जैसे लोगों को ताकत देती है और बाद में असीम गोयल जैसे नेता जनता को नाली का कीड़ा समझते हैं और समय आने पर जनता उन्हें मुंहतोड़ जवाब देती है और असीम गोयल ने तो 2024 विधानसभा चुनाव हारने के बाद कई व्यापारियों को परेशान किया, कईयों के सैंपल भरवाए अच्छा राजनेता, पब्लिक से जुड़ा राजनेता, पब्लिक के बीच में रहने वाला नेता जनता के साथ ऐसा नहीं करता। जो ईमानदार राजनेता होता है वह तो जनता में भगवान देखता है और अच्छा नेता जनता की सेवा को नर सेवा नारायण सेवा मानता है। असीम गोयल यह भूल गया कि लोकतंत्र में जनता भगवान होती है और उसका पद जनता ने छीना