असीम ने BJP को गुटबाजी और अंबाला शहर में टीम असीम को ताकत दी:अंबाला। (ज्योतिकण): पूर्व विधायक असीम गोयल के 10 साल के कार्यकाल में अंबाला शहर में विकास के नाम पर लोगों को ठगा गया है और 2014 से 2024 तक असीम गोयल विधायक रहे।
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इस 10 साल में भाजपा के कर्मठ वफादार कार्यकर्ताओं की अनदेखी हुई, उन्हें नीचा दिखाया गया बल्कि 10 साल में असीम गोयल के नेतृत्व में भाजपा के समांतर असीम गोयल व उसके परिवार ने टीम असीम खड़ी कर दी कि अगर भाजपा उन्हें आंख दिखाएगी तो टीम असीम रूपी सेना उन्हें जवाब देगी और यही कारण है कि आज अंबाला शहर में भारतीय जनता पार्टी का दबदबा नहीं भाजपा के कार्यकर्ताओं का दबदबा नहीं अगर दबदबा है तो टीम असीम का है चाहे अंबाला में मनोहर लाल खट्टर आए या फिर कोई केंद्रीय मंत्री या फिर संगठन का बड़ा नेता अंबाला शहर आए तो निर्णय भाजपा नहीं असीम गोयल लेंगे कि टीम असीम का कौन सा सदस्य भाजपा नेता या केंद्रीय मंत्री को रसीव करेगा क्योंकि भाजपा के जिलाध्यक्ष मंदीप राणा राष्ट्रीय पार्टी के जिलाध्यक्ष जरूर हैं लेकिन वह असीम गोयल की कठपुतली हैं और कुछ चंद और लोग जो टीम असीम का हिस्सा हैं उन्हें बीजेपी से कोई मतलब नहीं है।
जो असीम गोयल की कोठी से इशारे आएगा टीम असीम उसी पर काम करती है। आज अंबाला में भाजपा संगठन का दबदबा नहीं बल्कि असीम गोयल व टीम असीम का दबदबा है।
जिस असीम गोयल को 2014 में मोदी लहर में भाजपा ने टिकट दी और विधायक बनाया और 2019 में फिर टिकट दी और असीम गोयल विधायक बना लेकिन 10 साल में भाजपा कार्यकर्ताओं को ताकत नहीं मिली बल्कि एक समांतर भाजपा के ही टीम असीम व एक एनजीओ मेरा आसमान असीम गोयल ने खड़ा कर दिया
10 साल मेरा आसमान एनजीओ भाजपा सरकार व संगठन केसामांतर चला और 10 साल में असीम गोयल ने मेरा एनजीओ आसमान जिसकी सर्वोसर्वा असीम गोयल की पत्नी है उसमें अपना जमकर प्रचार किया और दस साल में मेरा आसमान एनजीओ के एक भी बोर्ड पर मोदी, अमित शाह, मनोहर लाल खट्टर व नायब सैनी की फोटो लगाना जरूरी नहीं समझा और हाल ही में रक्षाबंधन पर फिर असीम गोयल ने मेरा आसमान एनजीओ पिटारे से बाहर निकाला और अब मुख्यमंत्री नायब सैनी की फोटो लगानी जरूरी नहीं समझी।
इस वक्त अंबाला शहर में वो तमाम भाजपाई जिन्होंने भाजपा को खून पसीने से सींचा उनका वजूद असीम गोयल ने खत्म कर अंबाला शहर की भाजपा पर कब्जा करते हुए टीम असीम का राज पैदा कर दिया जिस पर भाजपा संगठन सहित भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह, जेपी नड्डा सहित संगठन व आरएसएस के तमाम नेताओं को चिंतन करना होगा कि असीम गोयल पार्टी के साथ दीमक जैसा व्यवहार क्यों कर रहा है?