छोटे समाचार पत्रों की मान्यता रद्द कर बड़े मीडिया हाऊस को राहत क्यों?

छोटे समाचार पत्रों की मान्यता रद्द कर बड़े मीडिया हाऊस को राहत क्यों?:हरियाणा सरकार इस बात का दावा करती है कि वह लोकतंत्र के चौथे स्तंभ प्रैस का सम्मान करते हैं लेकिन वह सम्मान प्रैस का नहीं बड़े मीडिया घरानों का हो रहा है और यदि ऐसा नहीं है तो हरियाणा के मुख्यमंत्री व उनके जन संपर्क विभाग के एसीएस उनसे ओपन डिबेट कर लें यह चुनौती वह इस संपादकीय के माध्यम से हरियाणा की सरकार को दे रहे हैं।

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हरियाणा की सरकार हरियाणा में बड़े मीडिया घरानों को करोड़ों रूपए के विज्ञापन दे रही है उनके तमाम पत्रकारों को राज्य सरकार मान्यता दे रही है हालांकि मान्यता प्राप्त पत्रकार और गैर मान्यता प्राप्त पत्रकार में कोई फर्कनहीं होता यह तो एक सरकार की सुविधा है साल में सरकार की तरफ से दिवाली पर मुख्यमंत्री की तरफ से 3-4 हजार रूपए का समान मान्यता प्राप्त पत्रकार को आ जाता है और 26 जनवरी, 15 अगस्त, दिवाली, 1 नवंबर को मुख्यमंत्री की तरफ से शुभकामनाएं आ जाती है इसी को सरकारी मान्यता प्राप्त कहते हैं या सरकारी मान्यता प्राप्त पत्रकार बस में सफर मुफ्त कर सकता है ऐसी कुछ सुविधाएं हैं।

सरकार बड़े मीडिया घरानों के अनगिनत पत्रकारों को मान्यता भी दे रही है और विज्ञापन भी दे रही है जबकि छोटे अखबारों को नायब सैनी सरकार ने कमजोर करने का प्रयास किया और जिन छोटे समाचार पत्र के संपादक या फोटोग्राफरों की मान्यता कई वर्षों से चल रही थी उसे खत्म कर दिया गया जबकि कोई भी नया कानून पिछले व्यक्ति की सुविधा को खत्म नहीं कर सकता और नायब सैनी सरकार ने छोटे समाचार पत्रों के संपादकों की दिसंबर 2024 में मान्यता को खत्म कर दिया जो एक कुठाराघात है

जबकि सबसे ज्यादा सरकारी कार्यक्रमों की खबरें छोटे अखबार लगाते हैं और अब आने वाले दिनों में नायब सैनी सरकार छोटे अखबारों पर और कुठाराघात करने जा रही है अब छोटे समाचार पत्रों के विज्ञापनों पर भी कुठाराघात की तैयारी है और मनमर्जी के कानून बनाकर उनको मिलने वाले विज्ञापन रोकने की तैयारी में हैं जो छोटे समाचार पत्रों के मालिकों का गला घोंटने जैसी बात है।