2014 में मोदी लहर में पहली बार भाजपा टिकट पर अंबाला शहर से विधानसभा चुनाव जीते असीम गोयल 2019 में फिर मोदी लहर में न केवल टिकट लेने में कामयाब रहे वहीं मोदी लहर का दूसरी बार भी असीम गोयल को भरपूर फायदा मिला और मोदी मोदी मोदी के नारे ने दूसरी बार फिर असीम गोयल की नैया पार लगाते हुए उसे विधानसभा की दहलीज भेज दिया लेकिन 2024 में असीम गोयल अंबाला शहर से तीसरी बार टिकट लेने में तो कामयाब हो गए लेकिन जीतने में कामयाब नहीं हुए क्योंकि असीम गोयल का विरोध था और 2014 से 2024 तक तमाम प्रोजेक्ट असीम गोयल के बंद पड़े थे जो आज भी बंद ही पड़े हैं लेकिन असीम गोयल लोकतंत्र के फैसले को मानने को तैयार नहीं हैं और असीम गोयल ने मुख्यमंत्री नायब सैनी के मुखारबिंदु से कहलवा दिया कि भले ही असीम गोयल हार गया लेकिन एमएलए से भी ज्यादा असीम गोयल की चलेगी। हालांकि मुख्यमंत्री नायब सैनी को भी चाहिए कि अधिकारियों को आदेश दें कि निर्मल सिंह को अंबाला शहर से लोगों ने जितवाया है व निर्मल सिंह का सम्मान करेंं और असीम गोयल इस बात को समझें कि वह चुनाव हार चुका है और हिन्दुस्तान में संविधान लागू हैं, कानून लागू है यह पाकिस्तान नहीं है जहां आर्मी चीफ बंदूक के दम पर राष्ट्रपति बन जाता है। यह भारत है यहां गरिमा है यहां लोकतंत्र बहाल है इसलिए असीम गोयल अपने आप को विधायक मंत्री न समझें लोगों में फिर जाएं अपना खोया हुआ विश्वास बहाल करें लोगों में जाकर अपनी गलतियों को मानें और 2029 की तैयारी करें। अगर असीम गोयल यह समझ रहा है कि सरकार उसकी है तो सरकार तो ओम प्रकाश चौटाला की भी रही और उनके साथ क्या हुआ सर्वविदित है इसलिए असीम गोयल अहंकार त्याग जनादेश का सम्मान करें।