वैश्विक गीता पाठ: सीएम मनोहर लाल बोले- गीता संदेश के जरिए हम हर चुनौती का डटकर करेंगे सामना

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि गीता के संदेश के जरिए ही हम हर चुनौती का डटकर सामना करेंगे। उन्होंने अपनी जेब से गीता निकालकर दिखाते हुए कहा कि हम सभी को अपने साथ गीता रखनी चाहिए। ऐसा वातावरण बनने से हम साकारात्मकता की ओर जाते हुए हर बाधा को पार कर जाते हैं।मार्गशीर्ष एकादशी पर शनिवार को दुनिया के कौने-कौने में गीता का संदेश गूंजा। गीता उपदेश स्थली कुरुक्षेत्र के थीम पार्क में गीता जयंती के अवसर पर प्रदेश भर के 18 हजार स्कूली बच्चों ने सामूहिक रूप से वैश्विक अष्टादशी गीता पाठ किया तो वहीं प्रदेश भर के एक लाख से ज्यादा विद्यार्थी ऑनलाइन गीता पाठ से जुड़े। यहीं नहीं करीब 23 राज्यों में एक साथ एक करोड़ से ज्यादा लोग भी इससे जुड़े हैं। हर की पौड़ी हरिद्वार, श्री राम जन्मभूमि अयोध्या, मां वैष्णो देवी दरबार सहित देश के कई बड़ें धार्मिक संस्थानों में भी यह पाठ किया गया तो वहीं करीब 900 विश्वविद्यालय व अन्य संस्थान भी इससे जुड़े। 

थीम पार्क में ठीक 11 बजे एक मिनट एक साथ गीता पाठ किया गया तो 12 बजे वैश्विक गीता पाठ किया गया। इससे एकाएक ही जहां अध्यात्म की धारा बहने लगी तो वहीं धर्मनगरी की पूरी फिजा ही गीतामयी हो उठी। इस समारोह में मुख्यमंत्री मनोहर लाल, असम के मुख्यमंत्री मेहंता बिश्वा शर्मा, आरएसएस सदस्य इंद्रेश, स्वामी आत्मानंद, पंजाब के संत भूपिंद्र सिंह सहित बड़ी संख्या में गणमान्य लोग शामिल रहे।

मंगलवार को मुख्यमंत्री ने कुरुक्षेत्र के स्कूलों की छुट्टी का किया ऐलान
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि गीता के संदेश के जरिए ही हम हर चुनौती का डटकर सामना करेंगे। उन्होंने अपनी जेब से गीता निकालकर दिखाते हुए कहा कि हम सभी को अपने साथ गीता रखनी चाहिए। ऐसा वातावरण बनने से हम साकारात्मकता की ओर जाते हुए हर बाधा को पार कर जाते हैं। उन्होंने कहा कि मैं महसूस करता हूं कि कर्म करते रहो, फल की चिंता न करो। यही गीता का संदेश है और इसी पर मैं भी चल रहा हूं। हर किसी को इसी सिद्वांत पर चलना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हर विपरित समय में पूरी दुनिया भारत की ओर देखती है। गीता की स्थली भारत ने भी कोरोनाकाल में साबित कर दिखाया था कि गीता में जो संदेश है, उसकी पालना करते हुए हम मानवता के लिए हर कठिन समय में भी आगे बढ़कर काम कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि गीता संदेश को आज पूरा विश्व मानने को तैयार है और अब तक दर्जनों देश ऐसे आयोजन करने के लिए आमंत्रण दे चुके हैं। प्रदेश सरकार ने नई शिक्षा नीति के तहत छह से 12वीं कक्षा तक तीन ग्रुप में गीता संदेश से जुड़ी पाठ्य पुस्तकें शुरू की है। इससे स्कूली जीवन से ही हमारे बच्चे गीता संदेश से आत्मसात रहेंगे और सफल जीवन की ओर बढ़ेंगे।

हरियाणा व असम का रिश्ता महाभारत व रामायण काल से है : हेमंता बिश्वा शर्मा
असम के मुख्यमंत्री हेमंता बिश्वा शर्मा ने कहा कि हरियाणा व असम के बीच महाभारत व रामायण काल से ही रहा है। हरियाणा के कुरुक्षेत्र में भगवान श्रीकृष्ण दो बार आए और यहां से उन्होंने गीता का संदेश दिया। भगवान श्रीकृष्ण ने असम की बेटी रूकमणी से विवाह किया और इस नाते वे असम के दामाद रहे हैं। यहीं नहीं महाभारत के समय कुरुक्षेत्र में पूरे भारत का संगम हुआ और उस दौरान भी असम के महान योद्वा भगदत व एक अन्य ने अपना पराक्रम यहां आकर दिखाया था।

हालांकि वे भगदत कौरवों की ओर से लड़े थे, लेकिन उनके पराक्रम से हर कोई वाकिफ है। यहीं नहीं अर्जुन का संबंध भी असम के पड़ौसी मणिपुर से रहा है। उन्होंने कहा कि भारत 1947 में नहीं बना बल्कि यह महाभारत व रामायण काल से ही बना है। हमारे संविधान का मूल आधार वेद पुराणों में ही है, जिसके चलते धर्मनिरपेक्ष संविधान रहा है जबकि पाकिस्तान का मूल आधार इस्लाम पर रहा है।  

उन्होंने कहा कि गीता का संदेश पूरी मानव जाति के लिए आज भी प्रासंगिक है। भगवान श्रीकृष्ण के दिखाए मार्ग पर हर किसी को चलना ही होगा। जब हर कोई गीता से सम्माहित होगा तो न हिंदू होगा, न सिख, ईसाई और मुस्लमान हम सब सिर्फ इंसान होंगे। यही गीता का संदेश है। उन्होंने कहा कि वे भी स्कूली बच्चों को गीता संदेश पढ़ाएंगे।