‘लगा कि अब कुछ नहीं बचा…’, ईरान से लौटी फरीदाबाद की सानिया ने बताए खौफनाक पल; आंखें हुईं नम

भारत सरकार ने ईरान में फंसे भारतीय नागरिकों को सुरक्षित वापस निकालने के लिए ऑपरेशन सिंधु चलाया है। इसी ऑपरेशन के दौरान फरीदाबाद की रहने वाली सानिया जेहरा सुरक्षित अपने घर लौट आई हैं। अमर उजाला की टीम ने उनके घर जाकर मुलाकात की।

ईरान से एमबीबीएस की पढ़ाई करने वाली सेक्टर-23 की सानिया जेहरा ने वहां इस्राइल की ओर से किए जा रहे हमले को बेहद करीब से देखा है। सानिया ने कहा कि 12 जून की देर रात 3:30 बजे जोरदार धमाके से हॉस्टल की पूरी इमारत हिल गई थी। उसे व अन्य सहपाठियों को लगा कि अब कुछ बचा नहीं है। लेकिन उठकर देखा तो उनके हॉस्टल के ही एक हिस्से के पास बम गिरा था।ईरान और इस्राइल के बीच चल रहे युद्ध के बीच सेक्टर-23 की रहने वाली सानिया जेहरा सकुशल अपने घर लौट आईं हैं।

‘डर के माहौल को बहुत करीब से देखा’
सानिया एमबीबीएस द्वितीय वर्ष की छात्रा हैं। सोमवार को अमर उजाला टीम ने सेक्टर-23 में सानिया के घर जाकर उनसे बात की। सानिया ने कहा कि युद्ध के दौरान उन्होंने बमबारी और डर के माहौल को बहुत करीब से महसूस किया। सानिया बताती हैं कि सबसे डरावना पल वह था जब पहली बार रात के करीब 3:30 बजे जोरदार धमाके की आवाज आई। पूरी इमारत हिल गई। लगा कि अब कुछ नहीं बचा। उस समय सबसे पहला ख्याल अपने घर का आया। मैंने तुरंत अपने परिवार को कॉल किया। ऐसा लग रहा था कि ये मेरी आखिरी कॉल है।

वह कहती हैं कि उस रात के बाद हर दिन यही दुआ की कि किसी तरह भारत वापस लौट सकूं। इंटरनेट और मोबाइल नेटवर्क बाधित होने के कारण कई बार परिवार से संपर्क तक नहीं हो पाता था। डर और दहशत का माहौल लगातार बना हुआ था। सानिया ने बताया कि भारतीय दूतावास ने ईरान में फंसे भारतीय छात्रों की सुरक्षित निकासी के लिए लगातार काम किया।

‘परिवार को देख खुशी हुई’
आगे कहा कि हमें तेहरान से निकालकर पहले कोम लेकर गए वहां एक होटल में रखा उसके बाद अगले दिन हमें मशहद ले गए। जब हम मशहद पहुंचे तब पता चला कि हमारे हॉस्टल पर भी हमला हुआ। जिसमें हमारे कुछ कश्मीरी भाई मारे गए। मशहद से फिर हमें एयरपोर्ट ले जाया गया, तब पहली बार ऐसा लगा कि अब वाकई घर जा सकेंगे। शनिवार की रात दिल्ली एयरपोर्ट पर पूरा परिवार लेने के लिए आया, उनको देखते ही रो गई थी। लेकिन अब खुशी है कि अपने घर, अपने परिवार के पास वापस लौट आई हूं।