क्या अंबाला शहर में कांग्रेस संगठन को लेकर निर्मल सिंह की चलेगी?

हरियाणा में कांग्रेस के संगठन को लेकर राहुल गांधी गंभीर है और उनके चंडीगढ़ आगमन के बाद कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में खलबली मची हुई है और जो कांगे्रस के वरिष्ठ नेता कांग्रेस को अपनी जेबी पार्टी मानते हैं राहुल गांधी उन सब नेताओं का अब ईलाज करने के मूड़ में हैं अब राहुल गांधी करो और मरो के फैसले पर चल रहे हैं और जो कांग्रेसी कांग्रेस को गुटों में बांट रहे हैं

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उनका ईलाज करने का फैसला राहुल गांधी ने कर लिया है और यही कारण है कि चंडीगढ़ में बंद कमरे में राहुल गांधी की बैठक के बाद वह कांगे्रसी सदमें हैं जो कांग्रेसी कांग्रेस को हमेशा गुटबाजी में ही रखना चाहते हैं लेकिन अब उन कांग्रेसियों को समझ आ गया है कि अब उनकी दाल गलने वाली नहीं है और यही कारण है कि राहुल गांधी ने बीके हरिप्रसाद को सख्त आदेश दिए हैं कि कांग्रेस को गुटबाजी मुक्त कर आम कार्यकर्ताओं को ताकत दी जाए और राहुल गांधी के चंडीगढ़ दौरे के बाद हरियाणा में अब कांग्रेस कार्यकर्ता व बड़े नेता कांग्रेस दफ्तरों में नजर आने लग गए है

जो कांग्रेस कमेटी की तरफ से आॅब्जर्वर बनाए गए वह सख्त नजर आ रहे हैं और अब उन कांग्रेसियों के पर कतरने का टाइम आ गया है जिन्होंने क्रांगे्रस को अपने निजी फायदे के लिए गुटों में बांट दिया है वैसे तो आज तक हरियाणा में सीएलपी का नेता न बनाया जाना इस बात का स्पष्ट संकेत हैं कि हरियाणा कांग्रेस के विधायक तय नहीं करेंगे कि सीएलपी का लीडर कौन होगा बल्कि कांग्रेस हाईकमान तय करेगी यहीं से गुटबाजी को हवा देने वालों को समझ लेनी चाहिए कि अब स्नैरियो बदल चुका है

अब उन्हीं लोगों की कांग्रेस में पूछ होगी जो सिर्फ कांग्रेसी हैं अब कांग्रेस में स्लीपर सेल राहुल गांधी बर्दास्त करने वाले नहीं हैं। देखते हैं अंबाला शहर कांग्रेस के गठन में कांग्रेस विधायक निर्मल सिंह की सुनवाई होगी या फिर जो भी कांग्रेस हाईकमान अंबाला में प्रधान बनाएगी उसे निर्मल सिंह स्वीकार कर लेंगे यह एक बड़ा मुद्दा है।