निर्मल सिंह पूर्व मंत्री असीम गोयल को उसकी औकात बताने से क्यों चुप रहे? जिस मोदी लहर में असीम गोयल 2014 व 2019 में जीता उसी भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब यमुनानगर आए तो मोदी के निमंत्रण पत्र पर अंबाला के सांसद वरूण चौधरी का नाम और शिलान्यास पत्थर पर भी प्रधानमंत्री मोदी के साथ अंबाला सांसद वरूण चौधरी का नाम था फिर अंबाला के अधिकारियों की क्या हैसियत कि निर्मल सिंह को नीचा दिखा रहे हैं
अंबाला में भाजपा का हाल असीम गोयल ने कांग्रेस से भी बदत्तर कर दिया
इंस्पेक्टर की जगह सब इंस्पेक्टर लगाना डीजीपी के आदेशों की अवहेलना
अंबाला। (ज्योतिकण): पहली बार 1982 में पूर्व मुख्यमंत्री बंसी लाल की सरकार में मंत्री बनने वाले अंबाला शहर के विधायक निर्मल सिंह की कमजोरी की चर्चाएं अब चौराहों पर हैं जब असीम गोयल जैसे नेताओं के दूध के दांत भी नहीं टूटे थे तब चौधरी निर्मल सिंह 1982 में मंत्री बन गए थे यही नहीं निर्मल सिंह 1982 में ही मंत्री रहे निर्मल सिंह 1991 में हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे चौधरी भजन लाल की सरकार में राजस्व मंत्री रहे शायद उस वक्त असीम गोयल गांव नन्यौला में मिट्टी में लूकन छिपा खेलता होगा
लेकिन आज उसी असीम गोयल को निर्मल सिंह ने अंबाला शहर से राजनीतिक धूल चटाते हुए उसे तीसरी बार विधानसभा प्रवेश नहीं करने दिया और निर्मल सिंह अंबाला शहर से चुनाव जीते। अंबाला के लोगों में चर्चा है कि प्रधान निर्मल सिंह बंसी लाल, भजन लाल, ओम प्रकाश चौटाला जैसे मुख्यमंत्रियों से नहीं दबा यही नहीं उत्तरी हरियाणा का मुख्यमंत्री बनना चाहिए यह मुहिम भी निर्मल सिंह ने ही अंबाला से शुरू की थी और कुरूक्षेत्र करनाल में कई बड़ी रैलियां की लेकिन आज वो निर्मल सिंह अंबाला शहर के पूर्व विधायक असीम गोयल से क्यों दब रहा है?
क्यों निर्मल सिंह असीम गोयल को उसकी औकात नहंी बता पा रहा? क्यों निर्मल सिंह अधिकारियों से दब रहा है? क्यों निर्मल सिंह प्रदेश की सबसे बड़ी पंचायत विधानसभा का सदस्य चुने जाने के बाद भी अंबाला के अधिकारियों की गुंडागर्दी झेल रहा है? पुरानी कहावत है कि शेर भले ही बूढ़ा हो जाए लेकिन उसके नजदीक आने की हिम्मत किसी में नही होती तो फिर निर्मल सिंह विधायक होते हुए अंबाला शहर में प्रोटोकॉल की अवहेलना कर रहे अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा क्यों नहीं खोल पा रहे या खोल रहे यह बात नगर में चर्चा का विषय बनी हुई है।
आज असीम गोयल अंबाला शहर के विधायक नहीं हैं, निर्मल सिंह अंबाला शहर के चुने हुए विधायक हैं और असीम गोयल जैसे पूर्व विधायक एवं पूर्व मंत्री हरियाणा में सैंकड़ों घूम रहे हैं लेकिन वह पूर्व विधायक व पूर्व मंत्री अपने क्षेत्र के विधायकों का अपमान नहीं कर रहे आखिर निर्मल सिंह जो ऐसे नेता हैं जो जेल से आजाद उम्मीदवार के रूप में भारी बहुमत से कांग्रेस भाजपा व हाविपा, लोकदल को हरा कर एमएलए बने और निर्मल सिंह के बारे में कहा जाता है कि अपने छोटे से कार्यकर्ता के लिए बड़े से बड़े पहाड़ के साथ टकरा जाते हैं लेकिन वह निर्मल सिंह आज बेबस क्यों नजर आ रहे हैं? क्यों असीम गोयल सहित अंबाला के अधिकारियों को गुंडागर्दी करने दे रहे हैं
किसी कानून व प्रोटोकॉल में यह नहीं लिखा कि किसी पूर्व विधायक या पूर्व मंत्री का अधिकारी शिलान्यास पत्थर पर नाम लिखकर उद्घाटन करवा दें। लेकिन अंबाला शहर में यह गुंडागर्दी असीम गोयल के इशारे पर खुले आम अधिकारी कर रहे हैं। निर्मल सिंह किस कमजोरी के कारण असीम गोयल को उसकी असली हैसियत नहीं बता पा रहे जिस मोदी लहर में असीम गोयल 2014 व 2019 में जीता उसी भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब यमुनानगर आए तो मोदी के निमंत्रण पत्र पर अंबाला के सांसद वरूण चौधरी का नाम और शिलान्यास पत्थर पर भी प्रधानमंत्री मोदी के साथ अंबाला सांसद वरूण चौधरी का नाम था फिर अंबाला के अधिकारियों की क्या हैसियत कि निर्मल सिंह को नीचा दिखा रहे हैं।