क्यों सैलजा समर्थक आज भी पवन अग्रवाल के कार्यक्रमों से दूरी बनाए हुए हैं? देर आए दुरूस्त आए। तकरीबन 11 साल के बाद कांग्रेस का हरियाणा में संगठन बना जिलाध्यक्षों की नियुक्तियां हुई इसी कड़ी में अंबाला जिला को तीन अध्यक्ष मिले अंबाला छावनी से परविंदर परी, अंबाला शहर अर्बन से पवन अग्रवाल डिम्पी, अंबाला शहर ग्रामीण से दुष्यंत को जिम्मेवारी मिली है।
पार्षद मिथुन वर्मा के पिता देवेंद्र वर्मा को श्रद्धांजलि देने हजारो लोग उमड़े
मेयर को कमजोर करने की बड़ी साजिश
उम्मीद थी कि 11 साल से मृत पड़ी कांग्रेस में जान आएगी लेकिन आज भी वही ढाक के तीन पात, आज भी हरियाणा में कांग्रेस गुटबाजी का शिकार है जहां हुड्डा कैंप का जिलाध्यक्ष बना वहां सैलजा व रणदीप सुरजेवाला के समर्थकों ने दूरी बना दी और जहां सैलजा सुरजेवाला समर्थक अध्यक्ष बना वहां हुड्डा गुट के समर्थकों ने दूरी बना ली मतलब हरियाणा कांग्रेस में गुटबाजी अब एक क्रोनिक डजीज हो चुकी है
जिसका कोई ईलाज नहीं है अंबाला शहर में कांग्रेस की गुटबाजी सामने नजर आती है और जब से पवन अग्रवाल डिम्पी अंबाला शहर अर्बन के प्रधान बने हैं तब से सैलजा व सुरजेवाला गुट पवन अग्रवाल से दूरी बनाए हुए हैं आखिर ऐसे कांग्रेस कैसे मजबूत हो सकती है? कैसे राहुल गांधी भाजपा का विकल्प बन सकते हैं? अगर यही हाल कांग्रेस का रहा तो 2029 में फिर हरियाणा व दिल्ली में भाजपा सत्ता में होगी।