देशवासियों को अपनी आजादी बचानी होगी

देशवासियों को अपनी आजादी बचानी होगी: आज पूरा भारत आजादी की 79वें वर्षगांठ मना रहा है, क्यों न मनाएं, हमें गर्व है आजादी पर, आजादी हमारा स्वाभिमान है क्योंकि हमें आजादी ऐसे ही नहीं मिल गई इसके लिए अनेकों शूरवीरों ने फांसी के फंदे चूमे हैं तब जाकर हिन्दुस्तान आजाद हुआ और हिन्दुस्तान को आजाद भारत का संविधान मिला। भारत सहित पूरे राज्यों में आज स्वतंत्रता दिवस मनाया गया, पूरा देश तिरंगे से खिला हुआ था

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हर बड़े छोटे बूढ़े के हाथ में भारत का तिरंगा नजर आ रहा था, हर देश वासी को अपने तिरंगे पर मान है इसलिए ही तिरंगे को दिल से लगाया जा रहा था लेकिन इस संपादकीय के माध्यम से मैं यह पूछना चाहता हूं कि क्या देश आजाद है? यदि आजाद है तो फिर वह आजादी कहां है यह बात देश की 140 करोड़ जनता को सोचनी होगी क्योंकि आजादी मात्र एक दिन(15 अगस्त) के लिए नहीं मिली यह तो हमेशा के लिए मिली है लेकिन जश्न का माहौल सिर्फ15 अगस्त को ही नजर आता है।

देश के 140 करोड़ लोगों को अपनी आजादी की रक्षा के लिए खड़ा होना होगा, जन आंदोलन तैयार करना होगा अगर अब देश गुलाम हुआ तो कोई भगत सिंह, राजगुरू, सुखदेव या सुभाष चंद्र बोस आजाद नहीं मिलेगा। इसलिए हमें अपनी आजादी को न केवल दिल के साथ लगाकर रखना होगा बल्कि हमारी आजादी से छेड़छाड़ करने वाले चाहे देशद्रोही ताकतें हो या फिर सरकारें, हमें उनसे लड़ने के लिए हर वक्त तैयार रहना होगा अन्यथा यह आजादी हमारे साथ लंबे समय तक रहने वाली नहीं है

केंद्र व राज्य सरकारों को भी देश के आम जनमानस को यह साबित करके दिखाना होगा कि यह देश आजाद है यहां सरकारों की मनमर्जी नहीं बल्कि संविधान की मनमर्जी चलती है ताकि आम जनमानस को विश्वास हो जाए कि जो सोच रखकर शूरवीरों ने फांसी के फंदों को चूमा था उन्हीें शहीदों के सोच की आजादी हर भारतीय को मिल रही है। हर देशवासी को अपनी आजादी को लेकर चिंतन व मंथन करना होगा।