स्लैब में बदलाव व फिक्स चार्ज से बढ़े दाम, विपक्ष भी सरकार पर हमलावर

एक अप्रैल से लागू नियमों के मुताबिक, घरेलू बिजली के श्रेणी-1 (दो किलोवाट लोड तक पर 0-50 व 51-100 यूनिट) और श्रेणी-2 (पांच किलोवाट लोड तक पर 150 यूनिट) के उपभोक्ताओं के दो नए स्लैब बनाकर न्यूनतम मासिक शुल्क (एमएमसी) हटाने के साथ पहली बार फिक्स चार्ज (तय शुल्क) लगाकर बिल आ रहे हैं।

हरियाणा में जून में आए बिजली के बिलों ने उपभोक्ताओं को बड़ा झटका दिया है। हरियाणा बिजली वितरण निगम की तरफ से बिजली दरों की स्लैब में बदलाव किए जाने व प्रति किलोवाट फिक्स चार्ज लगाए जाने के कारण उपभोक्ताओं के बिल 12 से 30 फीसदी तक बढ़ गए।

सबसे अधिक मार पांच किलोवाट के कनेक्शन धारकों पर पड़ी है। पहले प्रति माह 50 यूनिट या इससे अधिक खपत पर 2.50 रुपये से लेकर 6.30 रुपये प्रति यूनिट अलग-अलग स्लैब के अनुसार बिल लिया जाता था, लेकिन अब उनसे 6.50 से 7.50 रुपये प्रति यूनिट तक लिए जाने लगे हैं। इस पर जहां आम लोग व कारोबारी कराह उठे, वहीं विपक्ष ने सरकार पर चार गुना बिजली महंगी किए जाने का आरोप लगाया है।

दूसरी तरफ, बिजली कंपनियों ने वित्तीय वर्ष 2025-26 में 4520.24 करोड़ रुपये का अनुमानित घाटे को इसका कारण बताया है। उनके अनुसार, आठ साल में पहली बार ही फिक्स चार्ज और बिजली दर में 20 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है। उनके अनुसार प्रदेश में कुल घरेलू उपभोक्ताओं में से लगभग 78 फीसदी उपभोक्ता 2 किलोवाट तक लोड वाले हैं। लगभग 16 प्रतिशत 2-5 किलोवाट के बीच और केवल 6 प्रतिशत पांच किलोवाट से अधिक लोड वाले हैं। इस कारण 78 फीसदी उपभोक्ताओं के बिल में ज्यादा अंतर नहीं आया।स्लैब में किया गया बदलाव

घरेलू श्रेणी के उपभोक्ताओं को लोड के आधार पर 3 श्रेणियों में बांटा गया है। पहले के स्लैब 151-250 को बदलकर अब 151 से 300 यूनिट तक कर दिया है। दूसरे स्लैब 251 से 500 यूनिट को बदलकर अब 301 से 500 यूनिट का स्लैब कर दिया गया है। वहीं, 501 से 800 वाले स्लैब में बदलकर अब 500 यूनिट के ऊपर का स्लैब माना जाएगा।
पहले की दरें
यूनिट – रुपये
0-50 – 2.00
51-150 – 2.50
151-250-5.25
251-500-6.30
501-800-7.10
801 से अधिक – 7.10

स्लैब में बदलाव से नई दरें
दो किलोवॉट
यूनिट – रुपये
0-50 – 2.20
51-100 – 2.70

पांच किलोवॉट से अधिक
यूनिट – रुपये
0-150- – 2.92
151-300 – 5.25
301-500 – 6.45
500 से अधिक – 7.10
तीन किलोवॉट से अधिक
यूनिट – रुपये
0-500-6.50
501-1000-7.15
1000 से अधिक -7.50

स्लैब अनुसार बिजली की दरों में औसतन वृद्धि

तीन किलोवॉट – 9 फीसदी
पांच किलोवॉट – 12 फीसदी
10 किलोवॉट – 18 फीसदी
20 किलोवॉट – 30 फीसदी

50 रुपये से 75 रुपये प्रति किलोवाट फिक्स चार्ज लग रहा

एक अप्रैल से लागू नियमों के मुताबिक, घरेलू बिजली के श्रेणी-1 (दो किलोवाट लोड तक पर 0-50 व 51-100 यूनिट) और श्रेणी-2 (पांच किलोवाट लोड तक पर 150 यूनिट) के उपभोक्ताओं के दो नए स्लैब बनाकर न्यूनतम मासिक शुल्क (एमएमसी) हटाने के साथ पहली बार फिक्स चार्ज (तय शुल्क) लगाकर बिल आ रहे हैं। इसके अनुसार 301 से 500 यूनिट खर्च करने पर 50 रुपये प्रति किलोवाट और 500 यूनिट से अधिक खर्च करने पर 75 रुपये प्रति किलोवाट फिक्स चार्ज लग रहा है। पहले घरेलू बिजली पर फिक्स चार्ज नहीं लगता था। पहले एमएमसी के तहत बिल आने पर बिल या एमएमसी में जो अधिक होता था उसका भुगतान करना होता था। अब फिक्स चार्ज और बिल दोनों को भुगतान करना पड़ रहा है।
उद्योगों पर भी बिजली की मार
उद्योगों को मिलने वाले एलटी (50 केवीए तक) और एचटी (50 केवीए से ऊपर) कनेक्शन को दो स्लैब में बदला गया है। पहले 20 केवीए तक फिक्स चार्ज नहीं लगता था, जोकि अब सभी पर लग रहा है। इस श्रेणी में पहले एमएमसी 185 रुपये प्रति केवीए था। इसके तहत पहले एमएमसी और बिजली का बिल आने पर एक ही चार्ज लगता था, जो अधिक होता था। अब बिल और फिक्स चार्ज दोनों जोड़कर बिल में आ रहे हैं। एचटी कनेक्शन पर 290 रुपये प्रति केवीए की दर से चार्ज आ रहा है, जो पहले 165 रुपये था।

ऊर्जा मंत्री बोले-हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग लेता है फैसला
बिजली कंपनियों की तरफ से पेश फायदा या नुकसान दर के अनुसार दाम में वृद्धि करने या दाम कम करने और अन्य किसी तरह का बदलाव का फैसला विद्युत विनियामक आयोग की तरफ से लिया जाता है। इसके लिए आयोग भी सभी पहलू पर जांच करके ही फैसला लेता है। -अनिल विज, ऊर्जा मंत्री, हरियाणा।